अच्छा गर्गे देतस भे हम बियास चुन्नूतिवारे तमाम
भुजपुरिय समाज के कोटी-कोटी नमस्कार परणाम करते हैं
बिहार में एक एक पिस बियास
सिवान जीला के आन बान सान
जी करा के किरतन समराठ के उपाधे देहल गयें
जी करा के पंडित सुर्गे फागू बाबा के नाम से जानल जात रहें
मन पर काबू राखे के बाबू
अपना खेत के आश्करा लपका जन हरी हरी हयन कर
मन पर
काबू राख के बाबू
मन बैला के रास्थरा
लपगा जन हरी हरी हयान
अपना खेट के आस्तरा
लपगा जन हरी हरी हयान
नगल करा तू बढ़का के
इवं मरः बिछल हरी के बात कही हम मरका के
पढ़ा लिखा कुछ सोख करा तू नगल करा मत बढ़का के
इवं मरः बिछल हरी के बात कही हम मरका के
कुल के दीपक हुआ बबूआ
कुल के दीपक हुआ बबूआ दूर तकले
परकास करा
लपका जन हरी हरी हयान करा अपना खेट कयास करा लपका जन हरी हरी हयान करे
केस में नई क्ये भेश में नई क्ये फैसन में कुछ नई क्ये धाईन
सादा सब कर दादा हो बबूआ सादन सोहे तन को माईन
केस में नई क्ये भेश में नई क्ये फैसन में कुछ नई क्ये
धाईन सादा सब कर दादा हो बबूआ सादन सोहे तन को माईन
किता पढ़िला
धाईकु बाब के किता पढ़िला रामायन में बासकर
लपका जन हरी हरी हयान के अपना खेट केहास्कर
बाबा मन पर काबू राखतो बाबू
मन बैला के रास्थरा लपका जन हरी हरी हयान कर
अपना खेट के यास करा
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