कबुणि बुला वयनु भवजी
कबुणि बुला वयनु भवजी
गबुणि बुला वयनु भवजी
गबुणी बुला वयनु भवजी
कहका हयला पारु तुणतवरा दिजई
पहलि तनी कलगे दिवरा कि पतियहो
अब तहय रोवा तरु पिटि एके चातियहो
सुना भवजी हमा जनि धारा कपा
यमवा गि न चुटि तवहर दवरा कयपन तुववरं वभवजी कहय भसा वलो
दिदत लाक भवजी
अपने सजान माके सरभवके च्छट भवजी करपने मानवाके
सरववगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलग�
सरववगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलगलग�