दूले कहेंजे दरते माता आये से आस धरे
तूपारे पुझायेंजे पात्री ही बेडो बाज़ करे
शलतों कलकान परे हुम जुत रहो ही न तूपान माई
सुमर लिवत पे तार्या सारा प्यार मा पंज़िडा गाया
दासी बन जी दूला करेंजी मंगल गी मनाया
हमरे लाल तो ता हण्या कुरबान शाहनशाह तो ता हण्या कुरबान
देरा लाल तो ता हण्या कुरबान मटन साया तो ता हण्या कुरबान
अं दुखियारी कैंजे दरत आनस जूले लाल
मुझा ऐ बनलिस जैं उदेरा तू नगरत जैं नगपाल
पान भला इज भाल पान इकज सभुकार जपुरा
उदर दीव तो दर्मा सारा बानीती बालाया
विष्पतनी हुमा बहरूत हिझा बहरा रोग खड़ाया
अमरी लैल कुछ तो वन्या कुर्बान।
सैनी साअत कुछ तो वन्या कुर्बान। दुचने वरega तो तो वन्या कुर्बान। नरुनवर कुछ तो वन्या कुछ पान।
सैनी साअत कुछ तो वन्या कुछ तो वन्या कुछ पान।
मिंझी लेरी किनारे लगाई जाल। मुखे लेरुन मातु पार लगाई जाल।
दाता तू ही जगजो वाली। ओहे लिकी न छली तू फैंके खाली। मुझी आसब पान पुलाई जाल। ओहे जो अलवची तू ओलाई जाल।
खर्वदी मचितान में तहिंझे जिर मिर्झोत जगाया। छंचरदी मां दाकुं बाच्यां तो दर्पल पाराया।
धुने लाल कोता वन्या कुर्बान। अमर लाल कोता वन्या कुर्बान। भोडे वराल कोता वन्या कुर्बान। पले वराल कोता वन्या कुर्बान।
भोडे वराल कोता वन्या कुर्बान।
खाखा पायूं दाजना दूला दर्याशा। बाजारा कर बाजतूं आई मन जो हम्रा।
सुन्दमी रमला दरिशान तबिन कासी रहे। आचरनी उमा दर्याशा हते अखाची दल पाया।
भुलह दाता पल बिनतों के दिलता भुलाया।
अमरे लाल कोता वन्या कुर्बान। शाहने माल कोता वन्या कुर्बान। भुले वाराख कोता वन्या कुर्बान। भले वाराख कोता वन्या कुर्बान। नहरु न वाराख कुर्बान। जऽतुन वाराख कोता वन्या कुर्बान।