शप्रिशनाफादमाद
शप्रिशनाफादमाद
हाँ
हाँ
अरे बाग पबली,
तुही बाड़ो दिल के भितारिया हो,
तुहाँ भी पड़ा हिला न जालिया हो
अच्छा,
होई तुम्हाँ विवाना काहे करो तालो
माणाया पंदिला बाग के बतिया बतोई होई जान
आम सुनना बोला, अरे खापर किरे
आंधो सर रैके जन पटाई होई जान,
होई पतनो सुनार दिखिके अखे जन लड़ाई होई जान
देखो न तुहरे नामे से धड़केला दिल हो
बढ़हता बे चैनी हमार
बुझहना फिल हो
अरे जान,
विशावास नही हुला हमर नही कलके जात पप पपेला सफसाई मिठी मिठी बात पप
जनी बुझहतु अमरा प्यार करे तुस बारा चब मान करे तब अज मैं होई जान
अमर किरिया
दोसर लैकी जन पठाई हाये जान
होई पतानो
सोनर देखिके अखिया जन लड़ाई जान
खुफ़, खुफ़, खुफ़, खुफ़, खुफ़, खुफ़,
शारा के बात में तु
काहे पड़ा तारू हो, आज छोड़व न सात कोभो,
काहे ड़ारा तारू हो,
सबवादाकर भुझेगा, हरेस काहे कहेगा,
खुछी कंजा दाया खिलो डेवा,
मन बर जाई फिर छोड़े डेवा,
हमर हनुतु ही जान,
कहिंमलधच परधान, कौनु बतियस जानी दे रही होय जान
हारे खामार किरिया लोग सर, लाईकी जान पठाई होय जान
हो बही एक अतलोग सोनार देखिके,
अखिया जान लोड़ाई होय जान