नईहर से जब ससुराया हीली
पूटल बाकरम
एज़ बूजीना नईहर से जब ससुराया हीली
पूटल बाकरम
कौरीले माना भाईनी दिवाना राहेली गरम
तया लगा जाके सूतीं सजना माया वहीं
लईका बानी हम करे जाया लगा जाके सूतीं
सजना माया वहीं
बाचा बानी हम
लगा जाके
लगा जाके
करेला
राजा
हमसे छेड़ खानी
बोस में तुरा खा सइया आपन जवानी
केजी हौर दं करेला चाहे हमसे छेड़ खानी
बोस में तुरा खा राजा आपन जवानी
पाउर यादत राउर खोरेला तुका
अबही बाते सुलके उमरीया हाथ बानरम
लगा जाके सूती ए सजनमा अबही बाचा बानी हम करे जाया
धाईले बाई आदत तोहाके मांगेला कीस हो
बाड़ी अबही नाजुक सइया लेबो नाही रीक्स हो
हायी में हरारू निरज बेचारू तुहारे रहो भाँ
मनी निर्दईया लागेला सरम।
तब हराजा के सूती ये सजन जी यवही लैका बानी हम।
एराजा लगा जाके
सूती ये सजन वाय यवही लैका बानी हम।
पर जाय ना ना ना।