पोकदेम पोकदेम पोकदेम तबुझनाही घरके रहबहरिके
लहंगे में तोहा रखे तोपलेम
तो हुई रन्ग बाझराई फल ढोड़ियेमे पोकदेम
हुई रन्ग बाझराई फल ढोड़ियेमे पोकदेम
दोरियेमे फोकदेम
दोरियेमे फोकदेम
बाझराई फल ढोड़ियेमे पोकदेम
अइशे ना जोबरी धारा तुको रा देहबा जाटका तो खेलबा हिलो रा
जे घोब झाटका तो खेल बही लो रा
हमारा क्या बाशि हो बुझा जानी लाई का
तःही के मै नाले जिका रा देहाा बहाई का
तो की सके फिसो हमर महाँगा उबटे अरे
पहिसे के आन घाँज़ो पले
तहो ही रैगा बैजराई फल धोड़िये मे घोप दे
धोड़िये मे घोप दे
अईसे ना चड़ा ईसोटे जवापे फानिके
बहिया मे रक्ख जनी हमाराके बानिके
अईसे ना चड़ा ईसोटे जवापे फानिके
बहिया मे रक्ख जनी हमाराके बानिके
तो निसाये बुछिरा खोई मानिके नाही तो चलिजाई बुझु धोके जैनसे
तो जनी बोला बढ़ी चड़िके रहा तु सम्हलो के आखिमे धुलाना तो जोकदे
तो होही रैंगा बाजे राई फला धोड़िये मे घोपदे
तो होही रैंगा बाजे राई फला धोड़िये मे घोपदे
स्यामा सुकुला जोबले न मरी न तूटी
तहरी से उपर घगरी न
उठी
स्यामा सुकुला जोबले न मरी न तूटी
तहरी से उपर घगरी न उठी
जहले न देब जबले कड़ा गुना खूस हो
रैखल के नोग पहामले हब तोह कै चूस हो
तो हमारा जवानिक के पानी न उतारियो
रे फंसल के जोई से रोपदे
तह ही रैना बाजराई फल धोड़िये में घोप दे