रंगला है लहई बाल में लगाएं जेज़ा
रंगला है लहै बाल में लगाएं जेज़ा
जानी कोड़ी जबवानई के के जमगे जा
रंगला है लहै बाल में लगाएं जेज़ा
जानी कोड़ी जबवानई के के जमगे जा
रंग शानी हम ार जवरि
लगा कि हाथ सोगरि
देह है जनुई रगरी
लगा कि हाथ सोगरी
देह है जनुई रगरी
बोली हाँ
बोली हाँ
रंग के बहाने करा तानी लग छाबर जी
बाकी आशो लगी नाई देह होगी जलावर जी
हम सोचाना तानी
रंग के बहाने करा तानी लग छाबर जी
बाकी आशो लगी नाई देह होगी जलावर जी
पुरा भर के ले आईल मन दोबरी
लगा कि हाथ सोगरी
देह है जनुई रगरी
लगा कि हाथ सोगरी
देह है जनुई रगरी
मेधा मताली जीजा डाल के गुलाल जी
रभु भी सुन पूरी कविता चूए ना देबुदाल जी
हमरा के जाना तानाई खाखा
मेधा मताली जीजा डाल के गुलाल जी
रभु भी सुन पूरी कविता चूए ना देबुदाल जी
सक्ति सून धनंजे हटा कगरी
लगा कि हाथ सोगरी
देह है जनुई रगरी
लगा कि हाथ सोगरी
देह है जनुई रगरी