लवों से चूमलो आँखों से थामलो मुझे को
लवों से चूमलो आँखों से थामलो मुझे को
तुमही से जन्मों तो शायद मुझे पलाह मिले
तुमही से जन्मों तो शायद मुझे
पलाह मिले
मुझे पनाह मिले लबों से चूमलो आखों से थामलो मुझको
तुम ही से जन्मु तो शायद मुझे पनाह मिले
तुम ही से जन्मु तो शायद मुझे पनाह मिले
लबों से चूमलो आखों से थामलो
आमनो मुझे को
दो सोंधे सोंधे से जिसम जिस वक्त एक मुठी में सो रहे थे
बता दो उस वक्त मैं कहा था
बता दो उस वक्त तू कहा थी
मैं आर्जू की तपिश में पिघल रही थी कही
मैं आर्जू की तपिश में पिघल रही थी कही
मैं आर्जू की तपिश में पिघल रही थी कही
बड़े हसीन थे जो राह में गुनाह मिले
तुम ही से जन्मू तो शायद मुझे पनाह मिले
तुम ही से जन्मू तो शायद मुझे पनाह मिले
इसे जन्मू तो शायद मुझे पनाह मिले लवों से चूमलो आखों से थामलो मुझको
तुम्हारी लौकों पकड़ के जलने की आरजू में जब अपने ही आप से लिपट के सु लग रहा था बता तो उस वक्त में कहा था बता तो उस वक्त दू कहा थी
तुम्हारी आखों के साहिल से दूर दूर
तुम्हारी आखों के साहिल से दूर दूर कहीं
मैं ढूंडती थी मिले खुश्बों का नूर कहीं
वही रुकी हूँ वही रुकी हूँ जहां से तुम्हारी राह मिले
तुम्ही से जन्मू तो शायद मुझे पना मिले
तुम्ही से जन्मू
तुम्ही से जन्मू तो शायद मुझे पना मिले
लवों से चूमलो आखों से थामलो मुझे को
लवों से चूमलो आखों से थामलो
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