वह मेरी कक्षा की सबसे सुन्दर लड़की थी
जब हंसती तो गाल में गढधा पड़ जाता
सदा ही अपने बालों में एक लाल रिबन का फूल बना कर लगाती थी
नाम था सरिता
ये मेरी सीट है
मैं इसपर रोज बैठती हूँ
तुम जाकर अपनी सीट पर बैठो ज़ लाल रिबन वाली लड़की ने रोहन से कहा
इतने में ही अध्यापिका ने कक्षा में प्रवेश किया
ये कैसा शोर है मैडम ने कक्षा में गुशते ही पूचा
देखे न मैडम मैं रोज इस सीट पर ही बैठती हूँ
और ये रोहन यहाँ से उठी नहीं रहा
सरिता ने कहा अरे तो क्या हो गया तुम दोनों ही इस सीट पर बैठ जाओ
टुछ पहले आयेस वी �άक़ी सीट पे बैठ है
पीछे से रोहन ने देखा तो कहने लगा लाल रिबन वाली
आज तो काली माई लग रही हो और पा आकर फ़ौरण ही साइकल की चैन चड़ा दी
साइकल तेज मत चलाना नहीं तो फिर से चैन उतर जाएगी
वैसे तुम्हे तुम्हारी घर छोड़ने के बाद ही मैं अपने घर जाओंगा
इस प्रकार दोनों में अक्सर नोक ज्ञोंक चलती रहती थी
स्कूल की पढ़ाई के बाद रोहन के पापा का तबादला दिली से अमबाला हो गया
एक दिन रोहन जब अपने बैंक में किसी काम से गया
तो ये मुलाकात सरिता से हो गयी
अपनी बताओ मेरी भी शादी अभी नहीं हुई
मुझे तो लाल रिबन वाली लड़की की तलाश थी
जो किसमत से आज मुझे मिल गई
औफ वो लाल रिबन वाली
देखना ये है कि वह मुझे अपने साथ सीट पर बिठाती है या नहीं
रोहन ने उसकी आँखों में जहाँकर पूछा पर रोहन मेरे पैर
ने कौन सा चार सो मीटर की दोड में हिस्सा लेना है और
फिर दोनों खिलखिला कर हस दिये