लाबशरी चोला में डोला
तेरा रूप पे दिखा
जात विखावज
मुक्रे दिन तेरा हुसने जजाला कानूला बशरी चोला
यह एझे भी गाल न मनून।
तो कुराने पाक तो मन देखो।
कुरान दी गाल तो कोई टाल नहीं ज़रा
ना कुरान दी मनने तो तो काफर हो जासे।
मेरे तेरे मुस्तफार दिप दिप दिप।
रफीके हयात तुआड़ी ते मेरी माँ
पूरी उम्मत दी माँ
अम्मा आयशा सदीका
रजी लोह ताला आना।
आप कुरान पढ़ दीये पिंघान
ते सूरा यूसफ पढ़ दीये पिंघान।
ज़रा कुरान नो महबत नहीं दावची बोले सुभान।
की पढ़ दीये पिंघान सूरा यूसफ। ते यूसफ
ता किसा उस सूरत च अल्लाले लिख है।
जद इस आयत ते पहुंचींगां,
जितने लिख हो या कि मिस्र की आउर्थाने यूसफ नो वेके उंगलां कट लेगे।
इस आयत ते जद पहुंचींगां,
तेरे मेरे मुस्तफादी हसीन रफीक हयाद दे।
मेरे तरी माने फर्माया,
क्या फर्माया, अगर,
हस के फर्माया,
थोड़ा तबसम भी फर्माया,
फर्माया हां,
ओ आउर्थान अगर मेरे माबुबनों वेख लेनी हैं,
ते दिल कट बानी हैं।
ते फिर क्यों न कहा?
लावशरी चो मेधोला तदा रूप दिखा,
लोकानों एक ज्जात विखा,
ते फिर क्यों न कहा?
यूसफ नहीं जो विख वैसी,
बनबर्दा,
मिसर दी गलीने चाहिए।
आपको थोड़ा चोला लाके वेख लेगी।
दिन माँ शल्राव तदे आवेगा,
जद यार नकाब उठावेगा।
आवेख लो जिसने रब तकना,
दिसा यार सदा लोकानों लाबशरी चोला।
एक यो नात है।
रब बोल दे हेल, कुन दे जीन
लबे दे।
जिसने रब तकना, दिसा यार सदा लोकानों
लाबशरी चोला।