अजाल में इतने चेहरे कैसे तू रख पाती है
तेरी मिठी मिठी बातों से तू कैसे घुमाती है
अजाल में इतने चेहरे कैसे तू रख पाती है
तेरी मिठी मिठी बातों से तू कैसे गुमाती है
कैसे तू कारों बार प्यार का रोज बढ़ाती है
ओ बेवफा बेकादर त्यूं बद्धूआ कमाती है
बेवफा बेकादर त्यूं बद्धूआ कमाती है
ओ बेवफा बेका दर जो बद्धूआ कमाती है
क्या लेकर आया कोई क्या लेकर जाएगा
कितना भी तु खुश होले पर धोखा खाएगा
क्या लेकर आया कोई क्या लेकर जाएगा
कितना भी तु खुश होले पर धोखा खाएगा
मैं देखूँगा कैसे तु तेरा प्यार पाएगा
कयामत पे उपरवाले से क्या कह पाएगा
ओ बेवफा बेकदर क्यों बदूआ कमाती है
ओ बेवफा बेकदर क्यों बदूआ कमाती है
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