आईये प्रेमी सज़नो !
ये रागड़ी आपके वीच में
महोती बहतरी रागड़ी
जिचके लेखन है कवी श्री लडडन सिंजी
रागड़ी आपके वीच में होगी
अजीश सिंग राजबाला के किसे सिंग
बात उस समय की
जब अजीश सिंग बीश अजार का करजा लेकर
उस राजबाला सी शादी तो कर लेता है
लेकिन शेट की सर्थ के अनुसार
जब रात का समय आता है
तो राजा नहीं
अजीश सिंग ने विस्तर के बीच में तलवार रख दी
और मायूश हो जाता है
कैसे विचार आते हैं
क्या लिखा आएगा सुनेगा
देहाती रागणी एंडीजे के मादम से
जिसको गा रही है
मनुतवर जिसमें बहुत अच्छा संगीत दिया है
मास्टर हंसराची ने
आएगा कवीने कैसे क्या लिखा है
सुनेगा जड़ा
यो घनी सोच में
बिया ही तेरी
क्यों आँखो में पानी
बता दे पिया
यो घनी सोच में
बिया ही तेरी
जो आँखो मैं पानी
बता दे पिया
कोई गम है जीगर में
जो उत रहा लगे
जब जब छेहरे पे थारे
लखाती हूं मैं
दिल की दुनिया भी उज़री
लगे हैं मुझे
कसम से पिया मर जाती हूं मैं
तेरे दुख और सुख की
साथी हूं मैं
मुझे लाब हानी
बता दे पिया
यो घनी सोच में
बिया ही तेरी
जो आँखो मैं पानी
बता दे पिया
मेरे बरते से साजन
चलेगा पता
मुझ में आच्छा तो क्या
मेरे बरते से साजन
चलेगा पता
मुझ में आच्छा तो क्या
क्या है बुरा
हद से बाहर भी ऐसे
तडबती हूं मैं
मेरे दिल पे तुम्हारे
दुखो का चुरा
मुझ फेर के अब ना
नजिरे चुरा
ये बंद है क्यों बाणी
बता दे पिया
क्यों घणी
सोच में
बिया ही तेरी
क्यों आँखो मैं पानी
बता दे पिया
दिल की बाते छुपाणी तो
ठीक ही नहीं
कोई गलती हो साझन
बता दे मेरी
ये जो आता समझ मैं ना
राग मेरी
दुखने चारो तरब से
आगेरी
कोई करी हो बुराई
साझन तेरी
मारे घर की हो कहाणी
बता दे पिया
क्यों घणी
सोच में
बिया ही तेरी
क्यों आँखो मैं पानी
बता दे पिया
क्यों घणी
सोच में
बिया ही तेरी
क्यों आँखो मैं पानी
बता दे पिया
दे क्या बारा
राजिबल
है वो मेरा
खेड़ी गावे
नावे ले
जाओंगी मैं
इस ढंग
के कसम
से सुनो
तुम पिया लटन
सिंग से भाजन
बन
वाओंगी मैं
इशे रंग में
भर कے
भाओंगी मैं
बता दे पिया
योगळी
सोच में है
बिया ही तेरी
क्यों
आँखो मैं पानी
बता दे पिया
बता दे पिया
क्यों
आँखो मैं पानी
बता दे पिया