क्या पूछते हो तुम, किस हाल में है हम, अच्छा ही जान लो, कटता है जो बिल्दम।
क्या पूछते हो तुम।
नजरों से दूर हो, दिल के करीब हो, कितने हो संग दिल, कितने अजीब हो।
बनते हो।
महरुवां, करते हो यू सितम।
क्या पूछते हो तुम।
जो प्यार था दिया, वो दुर्द बन जया।
जो प्यार था दिया, वो दुर्द बन जया।
आखों में हिस्र का जाला सदन गया लेकर गे हुशी देकर गे हो गम।
ये भी खबर नहीं इस हान में है हम। रुपने लगा है दिल गुटनी लगा है गम। ये भी खबर नहीं।
जो बात दिल में है वो प्यार ही न हो। अपनी शिकस का इपरार ही न हो।
पहले कभी न थे यूं बेकर्ण।
ये भी खबर नहीं इस हान में है हम। रुपने लगा है दिल गुटनी लगा है गम। ये भी खबर नहीं।