इतनी आणी।
पुलो में आसूर की पत्णी की घर्व से बेटी
उगे बेटी शंकर की अराधना में लिये नुझेन।
आसूर ने सोचा नहीं था कि मेरी बेटी शिव की अराधना करेगी।
किसको मालूं था?
किसके विचार में था?
हाँ।
तो तुम्हारा दुख नहीं हरने वाले हैं। संसार
के लोग कभी तुम्हारा दुख नहीं हारेंगे।
कोई तुम्हारी तकलीब को नहीं काटेगा।
दुख हरने वाले तो केवल देवधी देव महा देव हैं।
राम जी के उपर दुखाया। भगवान कृष्ण के उपर दुखाया। कोन आया?
जब देखा कोई नहीं साथ देवा तफसं करके शिवलिंग की स्थापना कर दी।
रामेश्वर धाम की स्थापना करी। शिव जी ने कहा राम जी से क्या चाहिए?
बस ये लंका पर चड़ा
क्रिश्ण शंकर पर दूर नहीं।
सब की आर्ति में अंकर मिलेगा
एक, एक сделал उचाजने कर जंगे
देदी यी अंकर की पड़ेंगे
एक लगिया सरकार राम जी अंकर मिलेंगे
बड़ेंगे,
अच्छाना सावीजा उसलम किसी अंकर.
पड़ोगे सक्तनान भगवान का मिलेगा
केवल एक संकर भगवान की आरती है
जिसमें तीनों देवताओं का मिलता है
ब्रम्मा
वीश्व सताःष्वेद जानत अविवेकार
बाबा जानत अविवेकार
अच्छर के मते ओवाःष्र के मते
saare devataon kin aarati messing mogle invted
पुरारी कच्छारी खुले आगा धारी
थीन
फिर थीन आगा धारी
हर जगापर थीन है
शेकांबरी दीतांबरे वागांबरे ओले बादाबरे
फिर थीन
संकरा वैयरोरत प्राना में,
कुर्म प्राना में,
नारदग्र्यो कृराना में,
अघनने प्राना में
एक लोटा जळ चनाते हैं तो यदी केवल वो
जल संकर अकेले को नहीं मिलता था था,
तेएतिस कोटी देवताऊं को भी पराप्ट हो जाता है।
केवल एक लोता चनाते हैं।
लोटा जल चनाते हैंतो केवल वो जलत शंकर अकेले को नहीं मिलता
33-क्ओटी देवतायों को भी प्राउप्ट हो जाता है
केवल एक लोटा जल
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