तेरे ही उजाले में चलता सवेरा है आन दियसे
दूर अन्धेरे में घल एक मेरा है
मिल दें ये रोशनी की यादों की चादर बुने
जागता हो सूता है
आजकल यही तेरे ख्यालों में
दूर अन्धेरे में घल एक मेरा है
क्या करूँ पागल है आ तेरे लिए
चलता कहाँ ये खेल यहाँ
जिन्दगी में चुड़ी से
आजकल ये रोशनी की यादों की चादर बुने
जागता हो सूता है आजकल यही तेरे ख्यालों में घल एक मेरा है
दूर अन्धेरे में घल एक मेरा है
चलता कहाँ ये खेल यहाँ जिन्दगी में
चलता कहाँ ये खेल यहाँ जिन्दगी में चुड़ी से
यहाँ जिन्दगी में चुड़ी से