नव रातों के चोथे दिन की कथा सुनाता हूँमैं कथा सुनाता हूँमां गुस्मान्डा जी का मैं व्रितान्त बताता हूँमैं कथा सुनाता हूँकैसे नाम पढ़ा कुस्मान्डा ये समझाता हूँमैं कथा सुनाता हूँनव रातों के चोथे दिन की कथा सुनाता हूँमैं कथा सुनाता हूँये कथा है बड़ी महालसम सुनो लगा के जारइस कथा की है पहचालअतिकोमल है हिर्दे माता मन भावन है रूपभगतों के खातिर हो जाती भगतों के अनुरूपनव रातों का चौथा दिन है कुस मान्डा के नामपूजा करें जो कुस मान्डा की बनेंगे बिगने कावेदोंने उपनिष्डोंने भी माता किया बखानसबसे उत्तम सबसे पावन कुस मान्डा का नामध्यान लगा के कथा को सुनना कथा है हितकारीकश्ट, कलेश, मुसीबत घर से मिट जाए सारीअनुपम दिव्य सलोना मा का रूप दिखाता हूंमैं कथा सुनाता हूँनवरातों के चोथे दिन की कथा सुनाता हूँमैं कथा सुनाता हूँये कथा है बड़ी महान, सब सुनो लगा पे जान, इस कथा की है पैचान, मिले हो लोगा वर्दानहल्की मन्द हसीसे माने ऐसा कर डाला, कुछ मानदा माताजी ने बृम्हांड बना डालाइसलिए कुछ मानदा नाम से अबहित किया गयाहल्की मन्द हसीसे माने ऐसा कर डाला, कुछ मानदा माताजी ने बृम्हांड बना डालातभी से नाम कुस्माणडा मा घोसित किया गयास्रिष्टी नहीं थी अंधिकार था चारो तरफ छायाइसी कुस्माणडा माने है परकास था फैलायाअपने इसी हाथ से मा ब्रह्महांड की रचना कीकुस्माणडा माता ने तो ये पहली रचना कीइसके आगे भक्तों मैं अब कथा बताता हूँ, मैं कथा सुनाता हूँनवरातों के चोथे दिन की कथा सुनाता हूँ, मैं कथा सुनाता हूँये कथा है बड़ी महान, सब सुनो लगा के यान, इस कथा की है पैचान, मिले हो मांगा वरदानइसीलिए उस मां का पणा था आदि स्वरूपा नाम, आदि शक्ति मां, आदि भवानी कुस मांडा का नामअश्ट भुजा वाली ये माता रहती सिंग सवार, अमरित कलस गदा चक्रमाला हाथों के स्रिंगासभी सिद्धियों और निधियों में मां का है अधिकारदिव्य शक्तियां ब्रह्मलोक की मांको रही सवार, कुमभणे की बलिप्रीये हमां को कहते जिसे कुशमानकुशमान डा माता से प्रकाशित है सारा ब्रह्मानहाथे जोड मां कुशमानडा की महिमा गाता हूँ, मैं कथा सुनाता हूँनवरातों के चोथे दिन की कथा सुनाता हूँमैं कथा सुनाता हूँये कथा है बड़ी महानसब सुनो लगा के जानइस कथा की है पहचानमिले होनों का वरदानसुर्य मंडल के सुर्य लोक में रहने की छमता हैशत्ती सरूपा के अंदर हर सम्ता विशमता हैतेज सुर्य का दमक रहा है माके मुखने परसुर्य मंडल की आभा चमके माके मुखने परदसो दिशाएं आलो कित है माके हितेतेज से परकाशित ब्रह्माण्ड है सारा मा के तेज से उतना ही कम होगा इनका जितना करूं बखान कोई नहीं है दो जा मा के जैसा कहीं बलवामा से ही ब्रह्माण्ड की पहचान बताता हूँ मैं कथा सुनाता हूँ नवरातो के चोथे दिन की कथा सुनाता हूँये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान इस कथा की है पहचान मिलें होमा गावरदाननवरातों के चोथे दिन पूज़ा करे इनकीधन वैभाव मिलता है इच्छा पूरी हो मन कीरोग शोक का नाश हो जाता बढ़े आयू यशबलपूज़ा करे जो स्रधा भाव से हो करके निष्छलथोड़ी सी ही सेवा भाव से मा होती प्रैसनद्रब्य और धन धाने से उसका भर देती आगनरहे अरोग हमेशा ही उस सेवक का परिवारमा के सेवकों का रहता है खुसियों पे अधिकासंजै नहीं जरा भी इसमें सत्य बताता हूँमैं कथा सुनाता हूँनवरातों के चोथे दिन की कथा सुनाता हूँमैं कथा सुनाता हूँये कथा है बड़ी महानसब सुनो लगा के यानइस कथा की है पहचान मिले मों का वरदानजिसके सर पे हाथ है मा का वो है बड़ा बलवानजहां भी जाता है पाता है वो उत्तम अस्थाकुसमाण्डा माता की जिस पर कृपा होती हैउसके घर में कुशी की हर पल वरसा होती हैरक्षा करती श्वैम भक्त की माता ये हर पलरखती लाज हमें सभक्त की देती उत्तम फलनवरातों के चोथे रोज जो करता इसका ध्यानउसको समझती है ये माता अपनी ही संतायही है मा कुसमाण्डा की पहचान बताता हूँमैं कथा सुनाता हूँनवरातों के चोथे दिन की कथा सुनाता हूँमैं कथा सुनाता हूँये कथा है बड़ी महान साम सुनो लगा के ग्यानइश कथा नहीं है पैचान मिलें हो मांगा वर्णानहाथ जोड़ के सारे बोलो कुसमांडा की जैनजहां भी जाओंगे पाओंगे अपने वही बिजैनरक्ष करेगी कुसमांडा मा रहेगी हर पल साथजूट नहीं है उसमें तनिक भी है ये सच्ची बातकुसमांडा माता को जिसने मन में बसाया हैजग में उची पद भी उचा नाम कमाया हैशड़ाएक अगल सुभाव है कुसमांडा का सरल ही मिलती हैकरती छमा हमेसा है गलती नहीं गिनती हैरखो हाथ सुख देव के सिर पे सीस जुकाता हूँमैं कथा सुनाता हूँनवरातों के चोथे दिन की कथा सुनाता हूँमैं कथा सुनाता हूँये कथान बड़ी महान सब सुनो लगा के जान इस कथा की है पहचान मिले मुहमा का वरदान