कुछ ऐसे गिर पड़े हैं
कोई सहारा ना मुझे को मिला
पी रहे हैं जाम गम के
तुझे चाहा मग तू ना मिला
कुछ ऐसे गिर पड़े हैं
कोई सहारा ना मुझे को मिला
पी रहे हैं जाम गम के
तुझे चाहा मग तू ना मिला
तुझे को चाहा दिल से मैंने
पर तु तनहा मुझे क्यों कर गया
तुझे से मांगा प्यार मैंने
पर ये दैद दिल में उतर गया
कुछ टुकडे बस बचे हैं
जो सीडे मिले के भटक रहा
कर रहे हैं बाते खुद से
तू साजना क्यों मेरा ना रहा
कुछ ऐसे गिर पड़े हैं
कोई सहारा ना मुझे को मिला
पी रहे हैं
जाम गम के तुझे चाहा
मगे तू ना मिला
रूबा रूबस कम है तेरे
बस तू ना है मेरे पास में
बै रहे हैं अश्क्यों मेरे
रह गए बस सूने रास्ते
महसूस कर मेरे प्यारी को
महफूज हर तेरी आद वो
कुछ पल जिये हैं तेरे साथ जो
बस इतना ही मुझे पे कर्ज है
क्यों है दैद है क्यों ये फासल है
तू मेरा ना रहा तो
क्यों ये ब्यास है
था प्यार या कोई फरेब था
तू जूटा सही तू मेरा प्यार है
कुछ ऐसे गिर पड़े हैं
कोई सहारा ना मुझे को मिला ही रहे है
जाम गम के तुझे चाहा
मगल तू ना मिला
कुछ ऐसे गिर पड़े हैं
कोई सहारा ना मुझे को मिला ही रहे है
जाम गम के तुझे चाहा
मगल तू ना मिला
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