मैं शंकर तांडव करता हूँ जब क्रोध में आता हूँमैं भोला आग उगलता हूँ जब क्रोध में आता हूँमैं तीजी आँख को खोलता हूँ जब क्रोध में आता हूँमैं विश को धारन करता हूँ जब क्रोध में आता हूँमेरे नाम पे क्यों पीते भांग और दारूएक एक डोंगी का नकाब मैं उतारूमेरे जैसा पन्ना आसान नहींतुम महलों में सोते समसान नहींमैंने किया था पारवती से आज ही बिवामेरी सती होई जल के थी आग में सवामैंने प्रेम को पाने के लिए तप है कियाकभी बैठ तुमने है मेरा जब भी कियामैंने भांग क्या चकी तो तुम भांग पीयोगेजब पैसे नहीं होंगे भीख मांग पीयोगेआज भांग कल दारू इंगलिस पीयोगेमैंने विष्ठ था पिया तो क्या तुम विष्ठ पियोगेतीनों लोग का सुवामी मुझे नहीं कोई मोरोधर राक्स पहन तारू पिता हिंदू नहीं वोजाग जाओ मेरे बच्चो रहे तुम कब से सोमेरी तीजी आँख खोलने से मुझे रोक लोमैं तो बैठा हूँ कैलास मेरी छट आस्मानकरू नंदी की सवारी नहीं है चेट ना विमानतुम बूट पैनो मेंगे तो भी पाओ दुखतेकभी सोचा नंगे पाओ कितने काटे चुपतेमेरे गले में है नाग तुम पैनो गोल चैनमेरे पन लो भगत ना की कोई धोंगी फैनमेरे नाम पे जु होता नसा करो उसे बैनमेरे नाम से जो भांग गाँजा पीते करो बैनमैं शंकर तांडव करता हूँ जब खोध में आता हूँमैं भोला आग उगलता हूँ जब खोध में आता हूँमैं तीजी आँख को खोलता हूँ जब कोध में आता हूँमैं भोला आग उगलता हूँ जब कोध में आता हूँमैं तीजी आँख को खोलता हूँ जब कोध में आता हूँमैं विश्व को धारन करता हूँ जब क्रोध में आता हूँ