एक वो पत्नी के पती पर्देश कमाये जाता नहीं।
पत्नी विरह में बाड़ी,
अपना पती से,
अपना राजा जी से निहोरा करता रही कि कुछ दिन औरी रुक जैकी।
लेकिन का करव?
नुकरी के भी सवाल बाद,
पत्नी के भाव बाद।
कि छोड़ी के जाता निपहरा ए राजा जी
सइया जी।
छोड़ी के जाता निपहरा
एग काम कोली।
बड़ा विरह में बाड़ी,
कि छोड़ी के जाता निपहरा एग काम कोली।
कुछ देर
सइया को रवा में आराम काली।
हमरो याद ना सतावे, सुबहो साहम काली।
कुछ देर सेया को रवा में आराम काली।
छोड़ी
जाएग बाहरा का याद बड़ी आई। प्यार ईपरीत हमर रहवा के सताई।
हमारो छड़ हली जवानी अपना नाम काली
हमारो छड़ हली जवानी अपना नाम काली
कुछ देर सैया को रवा में आराम काली
कुछ देर सैया को रवा में आराम काली
आमरा
विदेशी राकेश भूलिहा नहम के याद करत रही हां हर दम
अपना सनम के
आमरा विदेशी राकेश भूलिहा नहम के याद करत रही हां हर दम
अपना सनम के
चिंता कोरी ना ये राजा ये अपन काम काली
कुछ देर
सैया को रवा में आराम काली
कुछ देर सैया को रवा में आराम काली
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