कोई प्रेमी बाबा का जब इसको बुलाता है
आता है निश्चे ही रुख नहीं पाता है
अपने प्रेमी शे मिलकर इसे आनंद आता है
कोई प्रेमी बाबा का जब इसको बुलाता है
कोई प्रेमी बाबा का जब इसको बुलाता है
पेवी बाबा का जब इसको मुझाता है
पेवी का दिल है मंदिर आउ मंदिर
जहां होती है प्यार से इसकी पूजा
पेवी का दिल है मंदिर आउ मंदिर
जहां होती है प्यार से इसकी पूजा
प्रेमी के दिल से बढ़कर हाँ बढ़कर नहीं मिल पाया इसे ठिकाना दूजा
प्रेमी के दिल से बढ़कर हाँ बढ़कर नहीं मिल पाया इसे ठिकाना दूजा
मन ही मन जो इसका लाड लडाता है
मन ही मन जो इसका लाड लडाता है
उसके लिए ही शाम मेरा मुस्कान लुटाता है
प्रेमी बाबा का जवे इसको गुलाता है
प्रेमी बाबा का जवे इसको गुलाता है
प्रेमी बाबा का जवे इसको गुलाता है
प्रेमी बाबाजा जब इसको बुलाता है
प्रेमी बाबाजा जब इसको बुलाता है
प्रेमी बाबाजा जब इसको बुलाता है
वो जोद सदा जगमग करती दिल में
भावों से बळी हो पाती आमाती
वो जोद सदा जगमग करती दिल में
हर दम वो दीप जले कुछ नहीं पाता है
हर दम वो दीप जले कुछ नहीं पाता है
प्रभू मिलन का रस्ता तब रोशन हो जाता है
प्रेवी बाबा का जब इसको बुलाता है
प्रेवी बाबा का जब इसको बुलाता है
प्रेवी बाबा का जब इसको बुलाता है
चार कदम चलता है चार कदम उसकी ओर लबकता है
पिन्नो जो इस रस्ते पैर बढ़ाता है
पिन्नो जो इस रस्ते पैर बढ़ाता है
पिन्नो जो इस रस्ते पैर बढ़ाता है
पिन्नो जो इस रस्ते पैर बढ़ाता है
पिन्नो जो इस रस्ते पैर बढ़ाता है
इस रास्ते पैर बढ़ाता है
बोड़के आए शाम भट को पड़े लगाता है
कोई सेवी बाबाता जब इसको बुलाता है
कोई सेवी बाबाता जब इसको बुलाता है
कोई सेवी बाबाता जब इसको बुलाता है
कोई सेवी बाबाता जब इसको बुलाता है
कोई सेवी बाबाता जब इसको बुलाता है
करते हैं
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