टारावेह
टारावेहा जिव मु पड़शे मारे
टारावेहा जिव मु पड़शे मारे
टारावेहा जिव मु पड़शे मारे
केवो नसीब छे आमारो
तने किमत नथी न मारी किसमत नथी
टारावेहा जिव मु पड़शे मारे
हद थी वधारे करो मैं तने प्यार
पण किसमत मा नथी मारा तू यार
प्रेम मारो समझे नही तू तो लगार
भाई बंद छोड़या ने छोड़या मैं गर्बार
किवो नसीब छे आमारो
तने मोहबत नथी न मारी किसमत नथी
तारा विना जिव मु पड़शे मारे
दिल तोड़वू हा तू तो केम करेव प्रेम
राखी है ती जानू मारा जीवनी जे
हा चोहत प्रेम तू समझी नही के
जिनज़िगी बगाड़ी ते करणा रहे
किवो नसीब छे आमारो
तने मोहबत नथी न मारी किसमत नथी
तारा विना जिव मु पड़शे मारे