किस कदर पे रुखी सकते आखाँ
किस कदर पे रुखी सकते आखाँ
जिसको चाहा नहीं ता पूजा था
किस कदर वे उपली से गिठिया था
किस कदर वे उपली
किस कदर वे उपली
छीने कर मुझे से प्यारे के दोलत
उम्मे भर प्यार को वो तैसा था
जिसको चाहा नहीं ता पूजा था
किस कदर वे उपली से गिठिया था
किस कदर वे उपली
भूणिती थी रही थी मैं
जिसको
मुझे दिखी रही थी नै
जिसको जाने वो किसके पास बैठा था
जिसको चाहा नहीं ता पूजा था
जिसको डर वे उपली से गिठिया था
किस कदर वे उपली से गिठिया था
बजके दूबा से वो निकल तो गया
बजके दूबा से वो निकल तो गया
अर्धिनरों बे आके भूबा था
जिसको चाहा नहीं ता पूजा था
जिसको डर वे उपली से गिठिया था
किस फ़दर्वे रुखी सिचे आथा किस फ़दर्वे रुखी
दिल के आँराख से मिटाखे
दिल के आँराख से मिटाखे
दिल के आँराख से मिटाखे
जिसको लग्जो की तरह सोचा था
जिसको चाहा नहीं था बुल्जा था
किस फ़दर्वे रुखी सिचे आथा
किस फ़दर्वे रुखी
नाठ्यं सुल्या उसकका प्रमाणाा करकbons
कोई टिउकल champions
किस फ़्रें से रुखी
आज आखर को देखे कर लुगा किस पदर महत्विलों में तन्हा था।
किस पदर महत्विलों में तन्हा था।
किस पदर महत्विलों में तन्हा था।