दिलवाके अपन जान तु मनाईलिहा
होता हमर सादि अभुलाई दिहा
ए जान पाप के हुआ अर्के होता निहा
दिलवाके अपन जान तु मनाईलिहा
होता हमर सादि अभुलाई दिहा
आखेरी मिलानमार कोके जात बानी छोड़
किरिया तु खईलू साथो जनमाके देगाईलू आखेयामे लोरे हो
मिठी मिठी बतिया
कैसे फुलाई तोरा बिन
पगालाई जीय नहीं पाई
जान छोड़ कि मत जाहो
जीनोगी बिरान कोईलू दिले कोईलू कारी
लोर के बिछाउना दियालू खुक के बेमारी
उतने तद्हरो देहो मरो होता एसे तदिवाना
उजोडे गुईल खोता छलो जाइब काल हेके भोज
किरिया तुखाईलू साथो जनमके
देगाईलू अखियामे लोरे हो