मस्टर प्रेंज
करे दरन्द करी होईया हो
आवाता बड़ी अंगर होईया हो
कहारी का घर में नादोया भाईले बाया
एदेवारु छटका तोहार की रा
बाड़ा पीरा कोईले बाया
खागोई हो
पीरा की पीरा कोईले बाया
पीरा बाड़ा पीरा
कोईले बाया
हामारा को जाहिल
नाही हकलो यह संगारी
सुना
मातर प्रेंज
दिपक दिवाना तू तो डाली दिहल फेर में
फ्रीशिना कुमारी के बतिया मानी हम यनेर में
22 dingiling
22 dimling
का कोही हो