एहलबती का लाल कहाए
एहलबती का लाल कहाए सेथ शीष का दानी
खाटू बाले की सुनो कहाणी
एहलबती का लाल कहाए सेथ शीष का दानी
खाटू बाले की सुनो कहाणी
खाटू बाले की सुनो कहाणी
जब कुरुछेत्र की भूमी में तो थी युद की तयीयारी
कौरब, पांडब, आन डटे थे दोनो दल बलकारी
खाटू बाले की जेव,
खाटू बाले की जेव
बर बरीक भी पुन रत की आये कर के सवारी
जिसकी तरफ से लडने आये पूछे बारी बारी
जिसपे हो अन्याए उसी की जिसपे हो अन्याए उसी की
मैंने मदद की ठानी खाटू बाले की
सुनो कहाणी
कहानी
बरबरीक से पूछा भईया
सेना कहा तुमारी
मुझे सेना की नही जरूरत
बोल पड़े धनुधारी
खाटू बाले कीजे
मुझे को अपने बाड़ो पर है बड़ा भरोसा भारी
पल भर में ही कर सकता हूँ सेना नस्ट में सारी
अन्याई की नहोने दू विलकुल मैं मनमानी
खाटू बाले की
सुनो कहानी
खाटू बाले की
सुनो कहानी
शिरी कृष्ण ने बात सुनी तो अपना ध्यान लगाया
लेनी चाही इसकी परिक्षा उनके मन में आया
खाटू बाले कीजे
पर बरीक का किया था स्वागत बातों में उलजाया
दो बाड़ों से सेननस्ट हो मैं ये समझ न पाया
कैसे संभव हो पाएगा कैसे संभव हो पाएगा ये ना बात असानी
खाटू बाले की सुनो कहानी
ओ खाटू बाले की
सुनो कहानी
पर बरीक ने एक पीपल
पर अपना बाड़ चलाया दूजे बाड़ से सब पतों को पल में भेद दिखाया
खाटू बाले कीजे
खाटू बाले कीजे
कानहाने था दो पतों को अपने पास छुपाया
वो पते भी भेद दिये तब नंदलाल घबराया
आज तलक ना देखा ऐसा
आज तलक ना देखा ऐसा
योधा दिव ज्ञानी
खाटू बाले की
सुनो कहानी
ओ
खाटू बाले की
सुनो कहानी
कानहां सोचे बरबरीक को कैसे रोका जाये
ये तो एक महूरत सबको यमलोक भिजवाएं
खाटू बाले की जेए
खाटू बाले की जेए
इस योधा का करना होगा जल्दी कोई उपाएं
अगले दिन फिर आएं ता ना ब्रामन वेश बनाएं
तान दक्षिना दो ब्रामन को एसे बात बकानी
खाटू बाले
की सुनो कहानी
ओ खाटू बाले की
सुनो कहानी
बरबरीक ने कहा है ब्रामन क्या चहिए बतलाओ
जो भी मेरे पास मैं बस तु जो चाहो ले जाओ
खाटू बाले की जेए
खाटू बाले की जेए
तुमको नहीं निराश करूँगा बिलकुल ना घबराओ
अगर तुमें है कोई शक तो अभी मुझे अजमाओ
चीशदान में देदो अपना पूरी कर दो बानी
खाटू बाले
की सुनो कहानी
ओ
खाटू बाले की
सुनो कहानी
शीशदान में तो देदूँगा बरबरीक फर्माया
ब्रामन वेश में आप कौन हो भेद जान ना पाया
खाटू बाले की जेए
फिर कानहाने बरबरीक को असली रूप दिखलाया
बड़े फ्रेम से बरबरीक ने अपना शीश जुकाया
शीश बिना युद कैसे देखू यही बड़ी परशानी
खाटू बाले की सुनो कहानी
ओ खाटू बाले की
सुनो कहानी
ये इच्छा तेरी पूरण होगी बोले क्रिश्न कनाई
चक्र सुधर्शन से फिर गर्दन धड से आप उडाई
खाटू बाले की जेव
खाटू बाले की जेव
रुतन मचातो चोदा देविया तबी बहापर आई
इस घटना का क्या है रहस्य बात सभी समझाई
उच्छ शिखर पे शीश को रखा
पावन बड़ी कहानी खाटू बाले की सुनो कहानी
ओ खाटू बाले की सुनो कहानी
खटे शीश को अथिरा दिन तक यूद का हाल सुनाया
कानहा की किरपा से पांडब का परचम लहराया
खाटू बाले की जेव
खाटू बाले की जेव
अपनी जीत पे पांडवोंने था अभिमान दिखाया
जीत हुई कानहा के कारण बरबरीक बतलाया
पांडव अपने दम पर जीते पांडव अपने दम पर जीते
ये तो है नाजानी खाटू बाले की सुनो कहानी
खाटू बाले की
सुनो कहानी
कानहा बोले बरबरीक तु सचमुच बड़ा महा
तेर त्याग से प्रसन होकर देता मैं वर्दान
खाटू बाले की जेख
मेरे नाम से तुझ को पूझे सारा जगत जहान
कल युग में तेरा दंग का बाजे पावन बने अस्थान
तेर ध्यान से सपल मनोरत कस्ट होए नाहानी
खाटू बाले की सुनो कहानी
ओ ओ खाटू बाले की
सुनो कहानी
शीश शाम का खाटू भूमी आकर तभी समाया
कल युग में वरदान के कारण परगट का समय आया
खाटू बाले की जेव
शाम नाम से शिरी कृष्ण ने रच दी अपनी माया
एक गऊँ ने शाम मूर्ती को नित दूध पिलाया
भेद बात का लगे खोजने
तब सचाई जानी खाटू बाले की सुनो कहानी
ओ ओ खाटू बाले की
सुनो कहानी
।
खाटू नगरी मेरा जाने बनवाया फिर मंदिल
फिर मूर्ती कर अस्तापित सोहनी उसके अंदर
खाटू बाले की जेए
शुग मूर्त में था ये उच्छप चोभाती अति सुन्दर
जूमते गाते आते भगत जन जैसे मस्त कल अंदर
शाम धड़ी को पूजे निर्धन
पूजे नाजारानी खाटू बाले की सुनो कहानी
ओ खाटू बाले की
सुनो कहानी
बारस के दिन शाम धड़ी को भगत है भोग लगाते
बड़े फ्रेम से खीर चूरम चरनन आन चराते
खाटू बाले की जेए
पीला रंग शिर शाम को साजे पीला रंग हिलाते
शाम धड़ी संग होली खेले रंग गुलाल लगाते
गंगा जैसा पार उतारे जाम कुंद का पानी
खाटू बाले की सुनो कहाणी
खाटू बाले की
सुनो कहाणी
कोई बोले शीष कदानी, कोई लखदा तारी
कोई बोले सेथ समर्या, तीन बाड का धारी
खाटू वाले कीजे,
कोई कहे हारे का सहारा, श्रधा अपनी न्यारी,
भागुन मेला भरे जोर का जाएं सब बलियारी
शर्णागत के शाम रंगीला,
शर्णागत के शाम रंगीला,
सफल करें जिन्दगानी,
खाटू वाले की
सुनो कहानी
ओ
खाटू वाले की
सुनो कहानी
खाटू में प्रभु आप बिराजे, कुञ्जी रहा जैकारा,
रतन जड़ित सिंघासन सोण, महिमा बड़ी अपारा,
खाटू वाले की जे, खाटू वाले की जे,
तन के सर्या बागा सोहे, ग्यारस रात नजारा,
धूप दीप और जोती जलती, बाजे शंक नगारा,
कमल सिंग निशान शाम का, कमल सिंग निशान शाम का,
जिसके दुनिया दिवानी, खाटू वाले की,
सुनो कहानी,
ओ, खाटू वाले की,
सुनो कहानी,