एदी कावड कुर्भ में लालाव।
कावड कुर्भ में चमीना है यार,
दिल कसे दो खोडियन इहाना है कार।
सोचत कर कुझ यार, चो परे तो ही पुन्ह लगता।
न कलाम जी फर्माशा,
जहर जमाल शापेडी का सोराब खान चानजी,
आजी बच्चन गोठ का लतीं भजानजी,
जोई शहर कान गुलसन कोठेजी,
गोठ मम अनसाले खान जी, गाँ भाव भूतेलारी जी,
खान मम उदखान चानजी, सापन खान चानजी।
दोस्तो, आज क्यों,
आज नहीं पाँज महबूर्गुर्शियों तो उनने सबको
खत खणीजे के उनना आशके लेक्याल फालेजी।
आशके कोई सबर पहीं मुझे खत फालेजी जी पहीं ने,
मां केड़ी बात सुनी थी,
उनना की खत तो में लिक्षी चेप्यो।
खत पुराना फाले तो केहडी अजै मारी,
केहडी अजै मारी,
खत पुराना फाले तो केहडी अजै मारी,
सदी रात सूरन में लाला,
सदी रात सूरन जी रोई गुधारी मुँ,
यर अनान आयें तुम लडले मखमूर दे,
पाजे हथन सा मुझे फटन दे,
पाजे हथन सा मुझे फटन दे,
लून विधो थैलतारे, तो केहडी अजै मारी,
केहडी अजै मारी,
थो खत पुराना फाले तो केहडी अजै मारी,
खत पुराना फाले तो केहडी अजै मारी,
जहडा हुया ताल, अज न उडा सुपरी,
नकी खिलन खुशी जो, नकी सागी चलन त्याल,
जहडा अज मुझे आई बनजी केहडु जी सुनायन गाल,
अज आखबर पई, पांजे अंगन ते,
अज आखबर पई,
पांजे अंगन ते,
गैर अंदा थैलारे, तो केहडी अजी मारी,
केहडी अजी मारी,
फत पुराना फारे, तो केहडी अजी मारी,
तो
केहडी अजी मारी,
तो
इन वक्त मुझा संगत करे रहान,
हार मुने ते उस्ताद फेलोजगुल,
लोलक ते उस्ताद अब्दिला,
बैंजे ते उस्ताद साइद भुनरह्मान,
जे पुझ उस्ताद फेलोजगुल जे सागर्दा,
अइं इत्योदी में मोजूदन गुलाम रसूल वटू,
बादर खान त्यांजेव,
महमंद भक्ति वटू,
राणितुर्फना फर्माशा कादल मेमुन जी,
नीनु मेमुन जी,
मुझे शागर्द अदिजला त्यांजेव जी,
अशर्वखान त्यांजेव जी,
जेह कयो तो प्यारा पुनहलसा,
जेह कयो तो प्यारा पुनहलसा,
जेह कयो तो प्यारा पुनहलसा, जेह कयो तो
प्यारा पुनहलसा,
साह भला मुझे सारे तो केहरी अजी मारी,
केहری अजी मारी,
कत पुराना पारे तो केहری अजी मारी,