खामेर थी थी
खामेर थी थी रे
कि बा ले खाइ आसे खामेर थी थिर भी थो रे
कि बा ले खाइ आसे खामेर थी थीर भी थो रे
औरे चीथी दीचे प्रानों सखा ना जानी कि ही आसे लेखा रे
खुली आजे खारों ये लाव आसे जेहे बहा आपी
प्राने बंदु आरे जानों भालों भालों थाके
खामेर चीथी रे
कि बा ले खाइ आसे खामेर थी थीर भी थो रे
औरे खुलते चीथी लागे भाई जदी ता तेहे लेखा ना हाई रे
प्राणे बंदु आरे उठानल दुखेरो कहत था
कैमने सोई बहुए आमी बंदु और एक बता
कैमने सोई बहुए आमी बंदु और एक बता
खामेर चीथी रे
कि बा ले खाइ आसे खामेर चीथी री भी थो रे
औरे बंदु जानो ठाके भाल एका मुना चीरो कहाल रे
कोहरी ही दयाल भगवाने रे कहाल चे
प्राने बंदु आरे जानो भालोई भालोई ठाके
खामेर चीथी रे
कि बा ले खाइ आसे खामेर चीथी री भी थो रे
काई प्राने बंदु जानो ठाके
कि बा ले खाइ आसे खामेर चीथी री भी थो रे