ले बैठी हूँ मैं तेरी यादों का पिटारा लेकर तटोल कर देखा मैंने खुद को पर तेरे नाम के लावा
किसी का नाम नाया लपपर
तु ही जहाँ मेरी जहाँ मेरी रब से दुआ तु ही तु है कहा
मेरी जहाँ
मेरी जहाँ
मेरे दिल की सदा तु ही
तु ही जहाँ मेरी जहाँ
मेरे रब से दुआ तु ही तु है कहा
मेरी जहाँ
मेरे दिल की सदा तु ही
इश्क हुआ फिर कभी होगा तुझ से ही
के मैं हूँ खफा तुझ से जाओ
हाँ मैं बेवफा नहीं
के मैं हूँ खफा
तुझ से जाओ हाँ मैं बेवफा नहीं
तुझे तो मन का हर तुक बताया था ना
तेरे सामने तु अपना दिल छीर कर दिखाया था ना
तुने तो प्यार देने के वादे किये थे
उम्र के आखरी पड़ाव तक साथ देने के वादे किये थे
मैं पूछती हूं कहाँ है वो वादे एच
जिनका भरोसा दिला कर मुझे प्यार पर यकीन दिलाया था
और क्यों
क्यों मेरे दिल से उतर गया वो शक्स
जिसे दिल में बसाया था
यू कहती थी सबसे तुछ से अच्छा कोई नहीं
जब तु गया
तो सब ने आके कहा
हमने तो तुम्हें पहले ही बताया था
माना की था तु मजबूर
चला गया जो तु दूर
किसे हमारे भी तो थे मश्वूर
एक जरा सी बात थी दिल से तुझ को कहनी थी
जाने से तेरे मैं भी मैंना रही
इश्क हुआ फिर कभी होगा तुझ से ही
कि मैं हूँ खफा तुझ से जाना हां मैं बेवफा नहीं
कि मैं हूँ खफा तुझ से जाना हां मैं बेवफा नहीं
किदी कभी तो चाये मेरी बाहर बनाये
चाये
तू क्यों ना चाहे तुरिया मिकाना
जादू वफा है मुझसे आखू
वफा है मुझसे दिलो
तेरे को पड़ेगा बजाना
इस विदी ये राते विर्हा
हो जाना तू ख़ापा
ना होना में वफा
अरे किस से नहीं लड़ी मैं तेरे लिए
किस्मत, खुदा, घर, समाज
हर जर्रे से मैंने तुझे बहतर बताया था
पर उस बहतर शक्स के साथ कुछ यूँ होता रहा
मैं तेरी यादों में उलजी तनहा रोती रही
और तू उन ही रातों में चैन से सोता रहा
तेरे जाने का मुझे कम नहीं
क्योंकि जिसे मैंने खोया वो तुम नहीं
जो मेरा था वो मुझे छोड़ कर जाता नहीं
ठेर जाता वो उलजता नहीं
इसमें कि हम दोनों में कौन है सही
बातें अब भी है कितनी
कहीं अनकही
कि तु कभी लोट आना चाहे ना तो एक पार याद कर लेना
कि मैं अब भी खड़ी हूँ
जहां तुने छोड़ा था वही
परिशान हूँ तेरे जाने से तेरे इंतजार की घड़ियां गिन रही
कि मैं सिर्फ ख़वा हूँ तुझसे
बेवफा नहीं