ĐĂNG NHẬP BẰNG MÃ QR Sử dụng ứng dụng NCT để quét mã QR Hướng dẫn quét mã
HOẶC Đăng nhập bằng mật khẩu
Vui lòng chọn “Xác nhận” trên ứng dụng NCT của bạn để hoàn thành việc đăng nhập
  • 1. Mở ứng dụng NCT
  • 2. Đăng nhập tài khoản NCT
  • 3. Chọn biểu tượng mã QR ở phía trên góc phải
  • 4. Tiến hành quét mã QR
Tiếp tục đăng nhập bằng mã QR
*Bạn đang ở web phiên bản desktop. Quay lại phiên bản dành cho mobilex
Tự động chuyển bài
Vui lòng đăng nhập trước khi thêm vào playlist!
Thêm bài hát vào playlist thành công

Thêm bài hát này vào danh sách Playlist

Bài hát kerwa choth ki katha do ca sĩ Reshmi Arora thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat kerwa choth ki katha - Reshmi Arora ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Kerwa Choth Ki Katha chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
Ca khúc Kerwa Choth Ki Katha do ca sĩ Reshmi Arora thể hiện, thuộc thể loại Thể Loại Khác. Các bạn có thể nghe, download (tải nhạc) bài hát kerwa choth ki katha mp3, playlist/album, MV/Video kerwa choth ki katha miễn phí tại NhacCuaTui.com.

Lời bài hát: Kerwa Choth Ki Katha

Nhạc sĩ: Reshmi Arora

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

हम करवाँ चोत की भप्तों कथा सुनाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
क्यों अरधांगेने पतनी को सब वेद बताते हैं
क्यों अरधांगेने पतनी को सब वेद बताते हैं
हम कथा सुनाते हैं
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
नारी तेरी माया तू धूप में हैं
कोशि की नाम का एक लड़का था भ्रामण कूलीन
पतिश्ठान पुर गाउं में रहता था उनका परिवार
उसके पिता उसके विवाहा का बनाते विचार
सांडली नाम की कन्या से उसकी शादी रचाई
बनके उसकी पतनी वो कन्या फिर धर आई
लेकिन उसकी किस्मत ने कुछ ऐसा खेल दिखाया
तू कर्मों के कारण कोशि की कोपोड है आया
किस्मत के इस खेल को वो तो समझ ना पाते है
कथा सुनाते हैं
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
अपना ध्यान ना रखती लेकिन पतित देती जानदी
अपने पती की सेवा करती माने उसे भगवान
लेकिन सांडल के पती का मन वैश्या पर आया
देख कि उस वैश्या का रूप मन उसका फिर हर शाया
पतनी से कहता है जाना चाहूं उसके पास
एक बार तो सुनकर पतनी हो जाती है उदास
लेकिन पती व्रता वो नारी मान ही जाती है
लेकर उसको वो वैश्या के घर जाना चाहती है
कैसे कैसे दिनेश्वत नारी को दिखाते है
पता सुनाते है
पता सुनाते है
पता सुनाते है
कथा सुनाते है कथा सुनाते है नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
कोशिक की ताया की कोड़ी फिर भी लाज ना भाई
जान सका ना वो सपी समपतनी उसने पाई
ललचाए मन से हर फल उस वैश्या का है दाई
कामा तुर हुआ है वो इस बात से है अनजान
की अपनी पतनी के हाथ क्यों तू कर्म कराओ
सोचे बस एक बात ही कैसे उसके घर जाओ
पती की इच्छा को इश्वर की इच्छा माने वो
पती बन गया है एक पापी अब कैसे जाने
वो जाने अनजाने में ठोकत खाही जाते हैं
कथा सुनाते ही है
कथा सुनाते ही है
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
पीठ पिलाद के चलदी सांडली पती को अपने साथ
चलते चलते उनको पड़ जाती है भगतो रात
इतना कदन था रास ता सांडली समझ नहीं पाई
अन्धकार मैं रात जोन के सामने आई
वहाँ था एक राजाने मांडव रिशी को सूली चड़ाया
उसके पती का पै लगने से दर्द उसका बड़ आया
कोन हो तुम दोनों जिनोंने किया है सापा
रिशी वर देख न पाए अंधेरे में कोन हो आप
घाव पड़ा ही गहरा था रिशी वर कराते हैं
कथा सुनाते हैं
कथा सुनाते हैं
नारी तेरी माया
तु धूप में है छाया
नारी तेरी माया
तु धूप में है छाया
तैर से सूली हिली तो उनका घाव बढ़ गया था
जिस कारण उन दोनों को रिशी ने शाप दे दिया था
बोली रिशी वर हम दोनों तो ये मूरक अज्ञानी
पति इच्छा को पूरा करना था मन में खानी
कैसी मूरक नारी हो क्या तुम तो नहीं है
पति से पाप कराने को तुमने किया प्रस्थान
कर सुभा तेरे पति को मृत्यों निष्चित है आनी
यही शाप है मेरा मुझे को समझ लु तुम ज्ञानी
सुनकर ऐसी बात वो दोनों घबरा जाते है
हम कथा सुनाते हैं
कथा सुनाते हैं
कथा सुनाते हैं
कथा सुनाते हैं
कथा सुनाते हैं
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
करती है विलाप और मांगी कितनी माफी
लेकिन ये विन्ती रिशी के लिए है ना काफी
कहती है अन्जाने में हमसे हुई ये भूल
कर तो माफ समझ कर हमको अपने चरण की धूल
लेकिन अपना वचन ना वापस लेना फिर चाहा
ये देखकर सती सांडली को भी क्रोध आया
कहती है अपने पती के ना जाने दूखान
सती धरम का इसी घड़ी से करने बैठ मैं धान
देखके भक्ती उसकी सूर्यनाव दैहो पाती है
हम कथा सुनाते हैं
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
पीते हैं छे मास सूर्यना दिखलाई देते
कैसी विपदा आई अब ये देव सभी तहते
अब तो दिन और रात कभी ध्यान नहीं रहता
सारी सिष्टी पर छाया ये अंधकार कैसा
सूर्य को यदि घोर अंधेरे से न बचा सकेंगे
देखे हम से राज हमारा छीन ही लेंगे
कोई भी धार में कुछ सबना होगा पूरा पास
लाना है सूर्य को सब इस बात की बांधल मात
दुविधा जाकर ब्रह्मा जी को सब बत लाते है
हम कथा सुनाते ही है
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
बैखी है जो सती सांडली लगा के अपना ध्याने
ना निकल के सूर्य ने सती का किया है मान
ब्रह्मा जी ने सब देवों को मात ये बतलाई
इसलिए तो ये विपदा सूरज पे आई
जाकर तुम सब देव महा सती अनतुया को बताओ
की माता तुम जाकर सती सांडली को मनाओ
महा सती अनसुया को ये बात समझ में आई
अनसुया जा पहुँच सती सांडली समक्ष आई
सती सांडली महा सती को दुविधा बताते है
हम कथा सुनाते हैं
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
सती सांडली के सामने जब अन्सूया आई
अपने मन की सारी रखा फिर उनको बतलाई
सती सांडली को अन्सूया ने ये वचन दिया
तुम्हारे पती की जान बचाओ मैंने वचन किया
सती सांडली ने जोड़े तू रैदेव के हाथ
अब ना रोखू हे प्रभु प्रस्ता आज के बाद
निकला सूरज मुर्छित हो गया जब उसका पती
लेकिन उसमें महा सती ने फिर जान डाली
सती धरम की शक्ती को सब जाने ही जाते हैं
कथा सुनाते ही है
नारी तेरी माया तू धूप में है छाया
अपने पती को मृत्यू के मुख से जाती है पाने
मृत्यू से भी तक्रा जाए धरमन में ठाने
जो नारी का मान करें वाहो इश्वर का वाले
धन और वैभव उसके धर में बन आती है दास
नारी की भगती में इतनी शक्ती है मानी
नारी के आगे जुकते हैं बड़े बड़े ज्यानी
रश्मी भी अपने पती की सेवा करती है
महा सती मा उनके सारे दुखों को हरती
है नारी इश्वर का है रूप सब जाने ये जाते हैं
कथा सुनाते हैं
नारी तेरी माया तू धूप में है च्छाया
नारी तेरी माया तू धूप में है च्छाया
करते हैं

Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...