प्राम जोगी बाबा
जए गुरू गोरकनाथ जी
बाबा कहें जोगी बन किने है ने नहुमा लेका?
सुनो बच्चा
हाँ बाबा
हम घर द्वार तज्चकर
जोगी बन गए
और अपने को बाबा गुरू गोरकनाथ के चरणों में समर्पित कर दियें
येक दूजे से ना ता राखे
स्वारत में सब कोई
बिन स्वारत जो
बिन स्वारत जो करे भलाई
भलाई उसी का हो
यही दूनिया में
केहु एक केहु ना हिबाई
स्वारत के चलते
सबू आपना कहाई यही
दूनिया में
केहु एक
केहु ना हिबाई
केहु एक केहु ना हिबाई
सेवा कोरी लाल यही सेवा कोरे माई
बाबु कहें बेटा पार करी मोर बुढ़ाई
सेवा कोरी लाल यही सेवा कोरे माई
बाबु कहें पार बेटा करी मोर बुढ़ाई
तिकवैली तिरिया स्वामी
के तना कमाई
यही दुनिया में
केहु एक केहु ना हि बाई
भाई सोच भाई की बहिया पुजाई बहीने के स्वारत मिली राखी के बदाई
भाई
सोच भाई की बहिया पुजाई
बहीने के स्वारत मिली राखी बदाई
निहां स्वारत भाव नहीं
केहु में देखाई यही दुनिया में
केहु एक केहु ना हि बाई
यही दुनिया में केहु एक केहु ना हि बाई
कोरे उबकार जोगी साथ उसन यासी राम को भी कोहे माया गरवा के फासी
कोरे उबकार जोगी साथ उसन यासी
राम को भी कोहे माया
गरवा के फासी
मंगल मदु कर गई ले अपने मंगल मदु कर गई ले देखा
मंगल मदु कर गई ले हाई माया में भुला यही
दुनिया में
यही दुनिया में के हुए के हुना ही बाई
स्वारत के चलते सबू
अपना कहाई यही दुनिया में यही दुनिया में
के हुए का के हुना ही बाई
यही दुनिया में
के हुए का के हुना ही बाई
यही दुनिया में
के हुए का के हुना ही बाई
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