केहता है मेरा जियाहाई बाहों में भर लिपियाकहता है मेरा जियाहाई बाहों में भर लिपियातुने मेरे तन मन में क्या बिर दियाप्यार का ए रोग दिया क्या कर दियाप्यार का ए रोग दिया क्या कर दियातन पे ना हाथ लगामन में ना प्यास जगाअरे तन पे ना हाथ लगा मन में ना प्यास जगा बच्पन से मैं हूँ बाल प्रमदचारीचक्कर चला कहीं आर नारीमैं क्या करूँ मुझको इतना बता देबेदर दे दिल बर कोई तो दबा देमैं क्या करूँ मुझको इतना बता देमैं क्या करूँ मुझको इतना बता देअंदर तेरे पापाकी गागरी ऐसे न भटका मुझे सुन्दरीये रोग मेरा बड़ा खास है इसकी दवाबत तेरे पास हैअरे मान मेरा कहना हो कन्या कुमारीचक्कर चला कहीं और नारीआई कहता है मेरा जियाहर बाहों में भर लिपियातुने मेरे दल मुन में क्या पर दियाब्यार काई रोग दिया क्या कर दियाबच्पन से मैं ही बाल ब्रह्मचारीचक्कर चला कहीं और नारीब्यार काई रोग दिया क्या कर दियाचक्कर चला कहीं और नारी