एक अंदे गुफा मेंमैं कब से जी रहाएक अंदे गुफा मेंमैं कब से जी रहाफिर दिल के कहकशा मेंएक तारा है जलाये अनजानी सदा हैमुझे ले जाने कहामिर दिल की बैरोखी नेकब से जी रहातु दिल को है क्यूं तुरे चाहिएतु ही समाई है रूह में तेरी सदाजान हूं मैं रहना ममतादेना खामोशी ना मैं है जो घंदे रहाआन्कों सेक्यूं जेहरा हो दिखने लगाअन्जानेअगस्नों मैं क्यूं चलने लगाअब कैसे मैं बता हूँयस दिल की अतिजावनहों लफसों में बयाजाकुछ ऐसी है जबादजाने क्यूं ये बिल्बला है तेराचाहे ऐसास सर्द मेराकोई ना हो हाँ जो फस मेरेसारा संसार घर हो तेरातो दिल कोई क्यूं तेरे चाहीतू ही समाई है रूह में तेरी सताचाहे मैं रहना बगताबेवा खामोशी में है जो घंदे रहाआँखो सेक्यूं जहरा वो दिखने लगा औरअंचान मेंयस दूपे क्यूं चलना लगातो दिल कोई क्यूं तेरे चाहीतू ही समाई है रूह में तेरी सताचाहे मैं रहना बगताबेवा खामोशी में है जो घंदे रहाआँखो सेक्यूं जहरा वो दिखने लगा औरअंचान मेंयस दूपे क्यूं चलना लगा औरक्यूं जहरा वो दिखने लगा औरयस दूपे क्यूं चलना लगा और