तुमसे कह भी ना पाए दूरी से भी ना पाएकाने लिखने बैठे रातों को पर लिखी ना पाएतुमसे कह भी ना पाए दूरी से भी ना पाएकाने लिखने बैठे रातों को पर लिखी ना पाएवो लोग कैसे लिख दे हम कानेमेरी चलम ना देती फसानेमेरी कलम ना देती बहानेपर आज जाने हुआ है इसको क्या जानेअरे ऐसे कैसे शप मुझे देते जारेमेरे भिना मुझे कैसे औरे पूछे जारेहाल मेरा भूच कभी पूछे नाई किसी नेहाल मेरा कभी किसी देखा नाई नाईभी ना पाएजाने लिखने बैठे रातों पर लिख ही ना पाएहम तो सह भी न पाए दूरी सह ही न पाएगाने लिखने बैठे रातों को पर लिख ही न पाएये जो दूरी है क्यों ये दूरी हैक्यों तुम मुझसे दूर हो जाने जाना ये बता दोये जो दूरी है क्यों जरूरी है मुझको खाती है ये दूरी जाना तुम मेटा दो कह भी ना पाए हम तो सह भी ना पाए काने लिखने बैठे रातों को पर लिख ही ना पाएपर लिखने बैठे रातों को पर लिखने बैठे