प्रयंबकम यजामहे सुगन्धिम पुष्टि बर्धनम उर्वारुक में उबन्दनान अब्रित्योरु उच्छी अमामरितार
जैजै भले भंडारी भक्तों के घट घट में बाशी जंगल जाल पहाल निवासी महल अकारी विन्न उडासी
चे बस भरी में भाटे ना रुपाली या बड़ी कम मन ये झन्म पाई या
तोहाँ से एक बात कही
क्षण
क eller आई पिया, पिया पिया हम रो के छा ही
कलर नार ना रुपाली या
हम रोके चाही कावारी लाए पिया हम रोके चाही
परिसाली तुहा की खुमाई भोले जी के दरसन कराई
परिसाली तुहा की खुमाई भोले जी के दरसन कराई
अइसे कही के हर साल साइअ छले लतु चाले अक्के गले नात अप्ताल
पर दे हम हम बाबा कहेलू बातिया तु सही
कावारी आहे पिया पिया पिया हम रोग के चाही
कावारी आहे
चाहिए हम रोके चाहिए
रोज रोज हम कीमा माराताना
रोज रोज हम कीमा माराताना
बाटि मा जबूरी धन्य बात माना
रोज रोज हम कीमा माराताना
लैखे राम हित कामर जाए बाबा के नागार
बेज तो हाँ दा बेगार कैसे काटी है डागार
काह कोरा तानी तो हाँ दा बेगार ना ही
काव़रिया ये पियां पियां पियां हम रोके चाही
प्रेजेंट बाई तानो म्यूजिक महूल आजंबर