प्रयंबकम यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमे उबंदनान वृत्योरुमक्षियमामृतात
जय जय भोले भंडारी भक्तो के घट गट में वासी जंगल झाल पहाल निवासी महल अटारी बिनव दासी
सीवना में जपा मोरी धानी पेकवे में बाते हो समानी
सिवना में जपे मोरी धानिया, बैगवे में बाते हो समानिया, बोला का तो हम रोके चाही
कावरिया ए पिया, पिया, पिया, हम रोके चाही
बैगवे में जपे मोरी धानिया, बैगवे में बाते हो समानिया
बाकि धटुरा योरी चाही
कावरिया ए पिया पिया पिया हम रोके चाही
जय जय जय भले भंडारी भक्तोटे घट घट में बासी
जंगल जाल पहाल निवासी महल कारी विन्न मदासी
दुनिया के उरखवाला
धनिया के उरखवाला
दुनिया के उरख वाला
लिखे नीरा लाता रंग बोले बाबा के भाजान
दिप्या रूपे जेके सांग गावे सिउ के भाजान
होला के प्यार हमके चाही
कामरिया ए पिया पिया पिया हम रोके चाही