अरे का ये बाउजी, रोज में एक लाग लाग की कहा जानो, बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउजी बाउकवंच ज रगली भाउजी सब मुह में डालेकवंच ज भाउजी सब ही जबरी ही निकालेकवंच ज रगली भाउजी सब मुह में डालेआवे जब खासी कफ जबरी निकालेआवे जब खासी कफ जबरी निकालेआवे जब खासी कफ जब खासीअब जैच यारअरे ना भाऊज़े रुकाए गव रव राष्ट सवार्पापॉत जब भी कुछा हंटे ले खुटा नाबात-बात-बात सुनाबोलाअरि कवंची हिलावा लेविनाहन नाह घुटालाकवंची हिलावा लेविनाहन नाह घुटालाकोवंची जो दैला पभावजी नहीं मुझालालसुना मुहावा में परसा हीलवले देना आना ना घोटालामुहावा में परसा हीलवले देना आना ना घोटालामुझावा में परसा हीलवले देना आना ना घोटालादुखवा के जईते ए देवरू ना ही बुझाला