या छम छम करती चालें से या भोड़ी लागें प्यारी
कावड़िया की सेवा खातर घणी दूर ते आई
या छम छम करती चालें से या भोड़ी लागें प्यारी
चहोँ
ना मेरा से बिलो मैं तो
घरियानी ते आई
सिर्फे मटकी मेरे दूद की प्यावण खातर आई
ना मेरा से बिलो मैं तो घरियानी ते आई
ना मेरा से बिलो भोड़ी घरियानी ते आई
मिठी मिठी बोलें बेरें कती पाट जा चाला रे
भोड़े किया हुई दिवनी इसका रूप निराडा रे
नील कंड पे रुके मारे नील कंड पे रुके मारे बिलो
भंगीया लाई या छम छम करती चाले से या भोड़ी लागे प्यारी
जैपड़ गी पेरा मैं चाले आजा मेंदी लादूंगी
भरबर लोटे भांग की तने आजा मैं पी लादूंगी
अपने हाता ते
कावडिया गोट गोट के लाई ना मेरा से बिलो मैं तो घरियाने ते आई
ना मेरा से बिलो भूने घरियाने ते आई
अपने हाथ गर्रीहाने ते हाई
थन्दी थन्दी हावा चले रहे मोसम से बड़ प्यारे रहे
सामन के महिने में आवे सबसे अलग नजारे रहे
बाद चले रहे मौसम से बड़ा प्यारा रहे
साम्मन के महिने में आवे
सब ते अलग नजारा रहे
प्यारी प्यारी बूंद पड़े
हाँ छोटी छोटी बूंद पड़े
हाँ सूले मिलो प्यारी
या चमचम करती चाले से रहे
भोली लागे प्यारी
जया हूँ
ना मेरा से बिलो मैं तो घरियाने ते आई
छिर पे मटकी
मेरे दूद की प्यावन घतर आई