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Umesh Badalala and Vikas Damkora
महाकाल का नाम लिखा रे छटी चोडी पे
और बंबंबंबं हो री थी सुन हर की पोडी पे
अर आंदे जांदे कर रे थे परणाम कवडियोंने
परणाम कवडियोंने
थी
आन्दे और विल्ड़ ग़ानती डॉरियास
मुझे भी खळूसत ओंपर पुछर है,影ां Lim Wood
रे مار پٹھے پے کھپی کھاوڑ سٹھ میں سوٹ بجھا راکھی
सुलफे की بीडी लाउरिस, कांधे پے काउड ठारिस
और जपे नाम शिवसंकर का जमापूरी धूम मचारिस
अरा फुला बरगी मैं कियाओ गनगा की बजरी मैं
ओर गणा की सुत्ता जीला गै बोले तेरी नगरी मैं
जोता जुमारे गोते सिंगा मठी धारा आखी
रे मार पट्याबे ठपी काओड सुत्त मैं सूट बजा राखी
ना एक भी पंदा छुपी मैं ओर गान बजरे लुफी मैं
मकहरीयाने ते आए कवडी जाम लगा दिया यूपी मैं
अरा पहली काओड लियाया था चोरा उमरे अठारा मैं
और इब कैकाओड बोहचा दियाँगे गंटे बारा मैं
इस परवेसलोयनने बोले तेरी महिमादा राखी
अरा मार पट्याप ठपी काओड सुत्त मैं सूट बजा राखी
जाना सब नहीं मिरे भाई जो जो इस तर्तीपा आया है
एक बोला बोला सत्या है बाकि सब मोम आया है
बोल संकर भगवान की
अरा मार पट्याप ठपी काओड सुत्त मैं सूट बजा राखी
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