प्रस्तुत्र प्रस्तुत्रदोनिया मता मौहल चाले नई और केबाबु माई कॉई से बड़े अपना हो गौर केदुख के बाद बाहूम देवरा से पहुकोनीराजा जीराजा जीमुझे जी कहे – ले न नदीको बहुत कहीराजजी कहे – ले न नदीको बहुत कहीराजजी कहे – ले न नदीको बहुत कहीन नदी के बापती नदी भो जालान नदी के बापती नदी भो जालामोरी-भारो भोती न चौबा भूंद घन्झालाजो बाते ना देगो जागा तो ना देगेजो बाते ना देगो जागा तो ना देगेजो बाते ना देगो जागा तो ना देगेजो बाते ना देगो जागा तो ना देगेजो बाते ना देगो जागा तो ना देगे