कौन चला ये बाबुल की अंग्नाई से रोने की आवाज आई शहनाई से
दोस्तो अब हम जुनून से हट कर एक ऐसा नया नुकड की तरफ चल रहे हैं
जहां तनहाई और शहनाई का सुपर हिट मुकाबला ऐसे चल रहा है
जिसे देख कर हर कोई यही कह रहा है
देख भाई देख शायर सब कुछ कह रहा है
मकर ऐसे जबान संभाल के कि मस्ती को दे रहा है दिलों में उच्छाल के
अब मस्ती च्छा जाएगी और दर्द उसी में चुपकर रह जाएगा
और ऐसे चुपेगा ऐसे चुपेगा कि तुम उसे ढूनते रह जाओगे
वैशी होरभी की गदल चुदे बाबु कवाल ऐसे पश्च करेंगे
कि जूमते रह जाओगे जूमते रह जाओगे जूमते रह जाओगे
कौन चला ये बाबुल की अंगनाईसे
कौन चला ये बाबुल की अंगनाईसे
कौन चला ये बाबुल की अंगनाईसे
रोने की आवाज आई शहनाईसे
नधी भी तालाब दिखाई देती है
जाके तो देखो दिल की गहराई से
बेच रहे हैं चुपके से लोटा थाली
राजा जी भी बच न सके महगाई से
याद तेरी रोजाना आकर कहती है
जो घबराता है पागल तनहाई से
पेश न कर पाई रखा था अपना नाच
जखम के टाके तूट गए अंग्राई से
पीने को तो मिल जाती है एवहशी
पेट नहीं भरता लेकिन कविताई से
पेट नहीं भरता लेकिन कविताई से