आखों में तेरी क्यों उल्जा हूँ मैंबातों में तेरी क्यों ना सुलजा हूँ मैंदेखा है मैंने तेरी सादगी कोनजरों से तेरी क्यों अभुत रहा हूँ मैंशिक्वे ये तेरे क्यों खतम ना हो रहेबर जीतीतेरी पर हम क्यों डो रहेमरहब तो क्यों जाने ना इस दिल काइस दिल काकारं तो क्यों बन रहा इस दिल काइस दिल काइस दिल काइस दिल काकोई से तेरी पर तू आएगा नहींपहले की दरहाई अब सताएगा नहींआखें हैं सुखी क्यों रुलाएगा नहींतेरी जुबा पे मेरा नाम क्यों आएगा नहींतेरी जुबा पे मेरा नाम क्यों आएगा नहींसनम दिये इतने सितम तूने भरे नहीं नैर लेकिन भरतीपन्ने पूरे हैं अदूरे बेसहूरे ख्वाब भी अब कहा पूरेसाथ तो ना दिया लेकिन साथ ले गए हमको पूरेदिये दर्द लेकिन कलम दे गई हाथ मेंबने शायर कविता बैदिये राग मेंहर ख्वाब में वो बेजुबा आस मेंवो दिल की नपी देख गहराई प्यार की है नाप दी वोदिये तुम्हें जखम रोग तेरा बस अब सह गए हमअरस बिना करे अब लिख दुन क्याहाँ ख्वाब बिना रहा अब अरस करो क्यामेरी जान कसम तेरी तस्वीर दिख लिखते हैमेरे शुब से ये स्याही कलम बरते हैतुमने देख लचा पर देख भी नहीं सकतेतेरी तस्वीरों को आँख में लेके रखते हैतेरी तस्वीर अभी भी मेरी आँखों में हैतेरी हर आहर अभी भी मेरी सांसों में हैतू क्यों जाने नाफिर क्यों माने नापर हम तू क्यों जाने ना इस दुल काकातिल तो क्यों बन रहा इस दुल कासम्तिय की तस्वीर पर नहीं नालग पर दियापर ले पूरे है दूरे बेज़ नूरेख्वाब भी अब कहां पूरेसाथ तो ना दिया लेकिन साथ ले गए हम नहीं पूरेभी ये टर्थ लेकिन कलम दे गई हाथ मेंबने शाहर कविता बहती है राख मेंहर ख्वाब में वो बेजुबा आज मेंदिल की नक्ती देख गया है प्यार की है नक्ती वो