सर्व मंगल मंगल्य सिवे सर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नारायने नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नारायने नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नारायने नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेसर्वार्थ साधिके शरन्य त्रयंबके गउरी नमोस्तुतेवर्णन साधर करिता हैकालुबाई चापाटी माग चेडाई नांदता हैआणि पुड़, आणि कुर्णन काया है तेमी गाता हैसगल चाबाई पारीकालुबाई च दर्शन घ्याव आदीगंगाराम महाराजाचीथित आहे वो समाधीगंगाराम महाराजाचीजाली मदी गंगराम बाबाची समाधी आहेआणी आश्या तरे नया कालुबाईची वर्णना हैआणगी पुड़े काई-काई आहे त्यापन आईकातालुबाई चसत वाला जन यात्रा करती तोबा-तोबाजाली मदी नादम सुबाजाली मदी मसुबा अनांदत आहेत्या मसुबा जवाल करनी-धर्नीची बांधी चालो आहेतितिल आश्नारी पुजारी सर्व विगन दूर करताअशी या कालुबाईची महिमा हैपुड़ील करतावा अपन संगुयासवाशीन ठेवु गेले कराडाख्या वरी मोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरआई माझा कालुबाईचा जात मंदिरी में बिन गोरया ठिकानी कतीच शिवट जालेला हैही कता महा गुरु सुगदेव बाबुराव साथे यानी लिहलेला हैआणि मनोज गुरुचा क्रप्यन में या कतीच गायन केलेला हैया कतीच रुकार्डिंग वा म्यूजिक सर्व माझे मित्र रुतुराज काले पानगावकर यानी केलेला हैमनों ही कता में गावु शकलो आणि शिवट चकडवा साधर करूम या कतीच शिवट होता हैशामनाता ने दान केले त्यांच शिष्या सुधेव लक्षुमन त्यांच शिष्या मनो ये जान त्यांचा शिष्या में रोहनमहा लक्षुमि आहे प्रासन मनों नामे गातो गानमहा लक्षुमि आहे प्रासन मनों नामे गान
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