देर हो गईल,
उसा बेर हो गईल,
जागा देर हो गईल,
उसा बेर हो गईल,
एहो बोले चुछु ही आया जोरी हो गईल,
उठा उठा ये पतारा को भोर हो गईल
एह
का आजी
का करता डूर
का कोरी
देखा के दिन फुट गईल चले के बाई खेता में तिसी काते हैं
अच्छा
अहोने मायो चिलाती है बताओ
मना में जाईल बनी तिसी आतुर सरसो काते खाते हैं
अच्छा सुनो
उठा ये धनी चला करे कर अनिया
अच्छा
अच्छा
अच्छा अच्छा
खेता में गम्मा काते हो
दिखो हमारा कुछ उजहात नहीं के हम का करे
अच्छा
चले के बाद तो चला काते ना तमाईस हम कहिये दे
ना ये दादा हम न जायें
अरे वैनी तो है जदे के कहे सरमाईं बाते न लोर कैसे हसुआ चलाईं
हाँ ता सुनो
करा टाराई धनी सब करे आई नाही कमाईबो कैसे गोप्था भेटाई
तला है धाराँ
छोटे बानी के बोजा तुहारा माथे धाराम ए अरे माथे धाराम
अरे असहीन
पिलक दे कियाई भनिहाम पटनीन हम रसे है पलाम
अरे कोहो तानी त्यारे से मानो कनिया हो
कमाईबो ना तक्खाईबो काछु ठनिया हो
प्यारे से मानो कहा तानी तनिया हो
कमाईबो ना तक्खाईबो काछु ठनिया हो
ए धानी का बात माना ना नाजी अरे भोईन ननेद पुरह करो जो निहाला
ए जी कमलो जी तो बिकेनिराला
अच्छा तो है सुनो
छड़ा ता पिसी चाना खेतावाने सारा
जलाना ता काटे उतारदे हम भारा
जनि भेजा साना कावा करो माथा गरो मेरे माथा गरो
अरे असहिना
अरे
असहिना दिलोको देकिया इन्बनी हो
कटनीन हमरस होई बला