और ये एक बात
केग समय का जकर है
एक बहोत बढ़िया चतिस बिराधरी के नेता हुए सर चोटूराम
दिवाली का दिन
एक तो अमीर आदमिया का दिवाली मने
एक अपने किसान का दिवाली मने
उस किसान की दिवाली को देखके
रोपड़ा उसका मन
और किसे किसे विचार उसके मन में आए
क्या बतावला
एरकात्यक बदी
अमावसती
ओरे दन था खासे द्यवाणी पा
आरे या ख्यामे मा
आशु आजे
तर देखा जब रारी का
द कर बदी
अमावसती ओरे दन था खासे द्यवाणी का
आरे या ख्यामे मा
आसु आजे
तर देखा द रारी का
आरे या ख्यामे मा
आरे आशु आजे
इतना परक था उड़ा किसी देवालिती उड़ा किसी देवालिती किसा परक था क्या बताया क्या लिखाना मुड़ेटों मुड़ेटों
अररंजु को रहा है रमान गांव ही पूरी मंदए ऩान पिते खीर कूली मंदे ए पूरी मंदे पूरी मंदे ऐ
शब्� nasıl बहत हूं तेज से कहां लिखी बहुत खड़ी कून मैं से राव्न की तेज रखाया
आरी आया खाट गेर दिंग वप्पाचा का निते खूटे रही
वत्रयोचा बरके बैठ गया उसकी चलम तले तखूटे रही
अरचा की दोरे जरा होया
आरी आया खाट गेर दिंग वप्पाचा का निते खूटे रही
अरचा की दोरे जरा होया उसकी चलम तखूटे रही
आरी आया खाट गेर दिंग वप्पाचा का निते खूटे रही
अरचा की दोरे जरा होया उसकी चलम तखूटे रही
अरचा की दोरे जरा होया उसकी चलम तखूटे रही
आरी आया खाट गेर दिंग वप्पाचा का निते खूटे रही
अरचा की दोरे जरा होया उसकी चलम तखूटे रही
आरे आज खेल होने नहीं मिले आज खेल होने नहीं मिले
कर बच्चे योग सवास गए दोनु भाई उठे उडे तै कर माता धोर आस गए
मा बोली उसके जीने रे रोलो जिसके जाए नास गए
यरन्दो अनूर भाई चाल उडे तै जटबा बूके पास गए
आरा इतनी सुनके चाल पड़ा वो पती डमाने लाडिका
पती डमाने लाडिका
पेड़ आक्यां के बार आसू आंगे भर दे ख्या तब आरिका
पती डमाने लाडिका
पती डमाने लाडिका
लालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालाला
नदर बहुत झाल कब नमरिया लालाास जेल उनका अक्रियों टू क्वेंटेस्था अनुसार करुपा खूद किया मोददत नंदर को प्रत्युगी अब नियुक्तु के नेच का한 दूसरे शुस्व न कार्यणा चल है उसका � ba чуть
बोला बनिया बोला सुनो चोधेरी कुछ भी सोता ना लाया
ग्रीब जान कहे रस्ते मैं किते पोका तक भी ना प्याया
चर करडाई चड़ी देख यूसे दुखिया का दिल घबे राया
गाम छोड़ के चला गया वो फिर भोड़ के राया
शेरी गानी राम के चमन उचलिगा पता चला ना भाड़ी का
पतक पती आवावस्ती ओरे
पतक पती आवावस्ती ओरे
पतक पती आवावस्ती ओरे