जैशिशाम् बोलो जैशिशाम्
आण बसू मैं भी बाबा, तेरे खाटो धाम में।
काश मेरा घर हो बाबा, तेरे खाटो धाम में।
आण बसू मैं भी बाबा, तेरे खाटो धाम में।
आज बसू मैं भी बाबा तेरे खाटू धाम में।
खाटू की भूमी है पावन बाबा की राजधान।
घाटू की भूमी है पावन बाबा की राजधान।
इस भूमी के कणकण में बसता शीश कदानी।
हर कोई आना चाहे बाबा तेरे खाटू धाम में।
काश मेरा घर हो बाबा।
काश मेरा घर हो बाबा तेरे खाटू धाम में
मंदिर की घन्ती से मेरे दिन की हो शुरुआत
मंदिर की घन्ती से मेरे दिन की हो शुरुआत
सुबाशाम दिन रात हो शाम नाम बरिसात
घर में भत जरुरो
खर में भत जरुरो
घर में भत जरुरो
घर मेरा बन जाए बाबा मंदिर के पास में काश मेरा घर हो बाबा तेरे खाटू धाम में
आस मेरी पूरी कर दो कर दो ये एहसान
आस मेरी पूरी कर दो कर दो ये एहसान
चर्णों में तेरे जगा मिले करो न मैं अभिमान
बस जाए गोपाल भी बाबा तेरे खाटू धाम में
काश मेरा घर हो बाबा तेरे खाटू धाम में
काश मेरा घर हो बाबा तेरे खाटू धाम में
आन बसू मैं भी बाबा तेरे खाटू धाम में
काश मेरा घर हो बाबा तेरे खाटू धाम में
काश मेरा घर हो बाबा तेरे खाटू धाम में
काश मेरा घर हो बाबा तेरे खाटू धाम में