कैसे भुलाई गईलू जे खईले बरु कसम।
कैसे भुलाई गईलू जे खईले बरु कसम।
उमर भर न छड़ाबू कहले बरु सनम।
कैसे भुलाई गईलू जे खईले बरु कसम।
कैसे भुलाई गईलू जे खईले बरु कसम।
तू याद पराबाते दिनों।
मुलकाते तू प्यार के बदर्या सावन के बरु साते।
तू याद करबाते दिनों।
मुलकाते तू प्यार के बदर्या सावन के बरु साते।
बदर्या सावन के बारे साथ मिलते रहाम आसवी मिलते रहाम आसाई छोड़ाब नकाब हम
कैसे भुलाई गईलू जे खईले बड़ू कसम
धड़कन भी रूप गईले प्यास भूख मिट गईले मुर्य सूख गईल सरिरवा के हूँ न पाचाने
के पाचाने
धड़कन भी रूप गईले प्यास भूख मिट गईले मुर्य सूख गईले सरिरवा के हूँ न पाचाने
प्यास भूख मीट गोईले मोर सूख गईल सरिरवा के वो न पहचाने
के करा के काही आपन हम के करा के काही आपन साभे बाबे रहम
कैसे भूलाई गोईलू जे खोईले बड़ू कसम
सुनाली ए मोर विधाता काहे बनाई लुनाता
चाही न याईतन जिन्दगी निकमाऊते बुजाता
सुनाली ए मोर विधाता काहे बनाई लुनाता
सुनाली ए मोर विधाता काहे बनाई लुनाता
सुनाली ए मोर विधाता काहे बनाई लुनाता
जा हरी भी दुस मन्हां मोत न आया वे गम
जा हरी भी दुस मन्हां मोत न आया वे गम
जा हरी भी दुस मन्हां मोत न आया वे गम
कैसे भुलाईलु सिम्पुके जे खोईले बड़ु कसम।