करना है सर जुका के यही लिल दिजा मुझे
करना है सर जुका के यही लिल दिजा मुझे
शर्मिनदा कर रही है मेरी हर ख़ता मुझे
कहरे ख़ुदा से खाफ है रोजे जजा मुझे
मिल जाएं उम्रे बर काएं यही मुझे
और पाएं रसूल पाक पे आएं जजा मुझे
पाएं रसूल पाक पे आएं जजा मुझे
पहले ख़ुदा की जात को पहचानता न था
पैदा किया है जिसने उसे मानता न था
बातिल के आगे हाँ को में गर जानता न था
मैं खाक जुस्त जो मैं कभी छानता न था
तो पहले हुदूर आप मिले पिर खुदा मुझे
पहले हुदूर आप मिले पिर खुदा मुझे
अल्लाह की जुबाह समर मुस्तफा की बात
ये खूब जानती है हकीकत को काइनाद
मकबूल बारेगाहे रिसालत हो मेरी नाद
हो जाए राज हश्र खुदा की कसंद जाए
और पेशे खुदा हुदूर जो कह दे इकदा मुझे
पेशे खुदा हुदूर जो कह दे इकदा मुझे