जब अजित सिंग को सेट के द्वारा उसकी बच्वन में हुई सेडाई के बारे में पता चल जाता हैतो वह एक पत वैसल गुर के राजा परताब सिंग के नाम दिखता हैऔर दूसरा पत अपने होने वाली पत्नी राजबाला के नाम निखता हैऔर उस बुधिया को उस पत्त को सौब देते हैतो वह बुधिया जा करके पहले राजबुमारी राज राजबाला के पास पहुँचती हैऔर राजबाला उस पत्त को पढ़ती हैतो उसके मन में किस तरह के विचार आते हैं सुनेश प्राणीवोरी करके प्यार राजबाला नेओरे पत्र लिया था खोरओरे पत्र लिया था खोरपती देव पे धियान गया दिले हो गया डामडोलवोरी करके प्यार राजबाला नेओरे पत्र लिया था खोरपती देव पे धियान गया दिले हो गया डामडोलपती देव पे धियान गया दिले हो गया डामडोलजान गया दिल हो गया डामा दोवर चिठी का मजबून पढ़यादिक चिठी का मजबून पढ़याजब पड़के सरमावे थीजोत प्रेंण की चसन लगी ओरे खुशी गनी छावे थीजोत प्रेंण की चसन लगी ओरे खुशी गनी छावे थीओरे पीके बोले जिगर में खटके बारी हर सावे थीकदे पत्र ने चूमे थी कदे चाती ते लावे थीकदे पत्र ने चूमे थी कदे छाती तेल आवे थीवरे गुन गावे थीगुन गावे थी इश्वर के दिखे गुन गावे थी इश्वर के वो पेद की मंतर बोलपति देव पे ध्यान गया दिल हो गया डामा डोलपति देव पे ध्यान गया डोलपति देव पे ध्यान गया डोलपति देव पे ध्यान गया डोलपति देव पे ध्यान गया दिल हो गया डामा डोलपति देव पे ध्यान गया डोलपति देव पे ध्यान गया डोलपति देव पे ध्यान गया डोलहो गया डामा डोलपति देव पे ध्यान कया दिल हो गया डामा डोलइस तरह की बात को पढ़कर के राजवालाअपने मनी-मन हर साती हैओर ये अपने होने हारपति की इस चिठी को देख करकेपढ़कर के खुश हो जाती हैओर ये उधर के राजवाला भीदेन लगी जावाव पत्र का, मत साजन गवरईये, अपने प्राणां प्यारी ने तू दिलते नहीं भुलाईयेलेके साथ बरात प्याजी, मोल बाँज के आईये, लेके फेरे साथ मेरे संग, फिर मन ले जाईयेलेके फेरे साथ मेरे संग, फिर मन ले जाईयेओरी कट गईये दिक्के हिररर्यओरी कट गईये दिक्टे हिररर्यरे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रे रेकरके प्यार राजवाला ने तिके करके प्यार राजवाला ने पत्र लिया था खोलपती दिल पे ज्यान गया दिल हो गया डामा डोल