करंकरो हाजी मलंग
करंकरो हाजी मलंग
मस्त बनादो आज चड़ादो
मुझे पर अपना रंग
करंकरो हाजी मलंग
रंग नभी का देहधत वाला
रंग अली का ताकत वाला
रंग जहरा का चाहत वाला
रंग हुसेन शाहधत वाला
रंग हसनी का पंजेतन का रंग डालो सब रंग
करंकरो हाजी मलंग
अबदुल का दिल जी लानी का
रंग हो गौसे सम्दानी का
हाँ महभूब सुभहानी का तेखो कुतबे रभाणी का
आधरी रंग में रंग कर तन्मन भर दो एक खुमं
करंकरो हाजी मलंग
गंजे शकर के रंग में दामन रंग के बनातो मुझे को दुल्हन
साबिर वारिस के रंग भीगे मेरे दिल का कोरा आगन
रंग निजामी रंग काकी रंग हाजी मलंग
करंकरो हाजी मलंग
तेरी कली में घूम रहा हूं
तेरी चौकट छूम रहा हूं
तेरी जब से लगन लगी है
मस्ती में मैं जूम रहा हूं
ऐसा चड़ा दो
ऐसा चड़ा दो रंग के जो भी
ऐसा चड़ा दो रंग के जो भी
देखे हो ओ दंग
करंकरो हाजी मलंग
करंकरो हाजी मलंग
कोई सवाली गया ना खाली थाम ली मैंने तेरी जाली भर दो जोली आज मेरी भी
रब के वली कल्यान के वाली
खाजा के सद्गे
खाजा के सद्गे आप सवारो
खाजा के सद्गे आज सवारो
मेरा ये हाल तंग
करंकरो हाजी मलंग करंकरो हाजी मलंग
करंकरो हाजी मलंग करंकरो हाजी मलंग
तेरी निषबत सबसे हसी है
तेरा सानी कोई नहीं है चूम के ये मुंदाज ये बोले
तेरा दूला ओहू नशी है रंग चड़ा हर
रंग चड़ा हर एक में तेरा
चाहे शजर हो या हो संग
करंकरो हाजी मलंग
मस्ति बना दो आज चड़ा दो मुझे पर अपना रंग
करंकरो हाजी मलंग
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