पान मारे आगने भी के दिनी में मुरे रहे
पान मारे आगने भी के दिनी में मुरे रहे
पान मीरी पाउ कान जी पाउ कान जी पाउ कान जी पाठा रो आज मारी आंग रे रे
पाउ कांगरी के मोठ रिहाव तार जांग रे रे
पाउ कांगरी के मोठ रिहाव तार जांग रे रे
राधा भूरी के मगरी आओ तारे आगने रे
आज मारे ना तबो कालियो ना गड़े
राधिका आज मैं आओ तारे आगने रे
भी तान मारे आगने मिखी तिली रे
भी तान मारे आगने मिखी तिली रे
ख्यान तरी उठला दे पुरुणा ओर डारे
ख्यान तरी
हे पोजमा पंडी नी पात्र यू तड़ाई रे
कान जी रे, हो कान जी, हाँ कान जी
अधालो आज मारे आज रे रे
ए रादा बुरी तो जण आज मनी कर रे रे
ए आज पिवा उतना माशी ना जे दरे
ए रादी का, ए रादी का, ए रादी का
आज मनी आबूता रे आदणे रे
कान बारे आगने नी के नी मली रे
ए
बिल्कान तनी भोजन देशुमन भाव तारे
बिल्कान तनी भोजन देशुमन भाव तारे
ये पेमती अवल तेरे सुबादरे
पेमती अवल तेरे सुबादरे
आतान जी अथा वाद माय आदरे
ये रादा जोरे बुदन रादन नहीं कर ये रे
राद मारे मारों चे मार मोक से
रादिका आदे नहीं आओ तारे रागने
रादिका आदे नहीं आओ तारे रागने
प्रिकान बले दाखल देशो रादार मेरे
आखशो नाहाने अल्थरा नीरे
पाकान जी पधारो आदमारे रादा जेरे
ये रादा जये
राजा गोधी ताकन राज नहीं करिये रे
वन वगले बेरुडा जोड़े मानी बात रे
राजी का आज नहीं आओ तारे रागने रे
अमकन जी पधारो आद मरिया अगरे
राजी का आज नहीं आओ तारे रागने रे
अमकन जी पधारो आद मरिया अगरे